धर्मगुरु बुरहानुद्दीन के अंतिम दर्शन में भगदड़, 18 की मौत

7404_bo3मुंबई / दाउदी बोहरा समुदाय के धर्मगुरु डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन के अंतिम दर्शन कार्यक्रम में भगदड़ मचने की वजह से 18 लोगों की मौत हो गई और 40 अन्य घायल हो गए। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। आध्यात्मिक नेता बुरहानुद्दीन का निधन शुक्रवार को सुबह हार्ट अटैक की वजह से हुआ था। वह 102 साल के थे और कुछ ही सप्‍ताह बाद अपना 103वां जन्‍मदिन मनाने वाले थे।
डॉ बुरहानुद्दीन के निधन के बाद उनके अंतिम दर्शन के लिए कल से ही उनके मालाबार हिल स्थित बंगले पर बोहरा समुदाय के लोग जुटने लगे थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार, रात होते-होते अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोग पहुंच गए। जानकारी के मुताबिक, भारी भीड़ की वजह से अफरातफरी की स्थिति बन गई और भगदड़ मच गई। बीएमसी के सूत्रों के मुताबिक, 18 लोगों की मौत हो चुकी है। भगदड़ के बाद पुलिस ने डॉ बुरहानुद्दीन के घर के आसपास गाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगा दी है।
नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि यह हादसा देर रात एक बजे के बाद मालाबार हिल इलाके में हुआ, जहां बड़ी संख्या में लोग दिवंगत आध्यात्मिक नेता डॉ. बुरहानुद्दीन को श्रद्धांजलि देने के लिए जुटे थे। मुंबई पुलिस कमिश्नर ने भगदड़ की जांच के आदेश दे दिए हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है उम्मीद से ज्यादा लोग श्रद्धांजलि देने पहुंच गए और भीड़ अधिक होने की वजह से कई लोगों का दम घुट गया। सूत्रों ने बताया कि भगदड़ के कारण 40 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिन्हें सैफी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
डॉ. बुरहानुद्दीन दाउदी बोहरा समाज के 52वें धर्मगुरु थे। उनकी मौत के बाद दुनिया भर के बोहरा समाज में मातम छा गया। देशभर से बोहरा समाज के लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए मुंबई पहुंचने लगे थे। शनिवार सुबह उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई तो उसमें करीब इसमें दो लाख लोग शामिल हुए।
सूरत में जन्मे डॉ सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन सैयदना, ताहेर सैफुद्दीन के सबसे बड़े पुत्र थे। वर्ष 1965 में अपने पिता के निधन के बाद वह उनके उत्तराधिकारी बने। दाउदी बोहरा समुदाय को एक उर्जावान समुदाय में बदलने का श्रेय उन्हें ही जाता है। दाउदी बोहरा दुनिया भर में फैले शिया मुस्लिमों का एक संप्रदाय है।
डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन को जॉर्डन की सरकार ने सर्वोच्च नागरिक उपाधि स्टार ऑफ जॉर्डन और मिस्र सरकार ने ऑर्डर ऑफ द नील की उपाधि दी थी। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, कराची विश्वविद्यालय और काहिरा के अल अजहर विश्वविद्यालय जैसे प्रख्यात संस्थानों ने सामाजिक एवं शैक्षणिक विकास के प्रयासों के लिए डॉ सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन को डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी थी।

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