रेलवे भवन के सामने धरना दे रहे हैं केजरीवाल

arvindनई दिल्ली / दिल्ली पुलिस के तीन ऑफिसरों पर ऐक्शन की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों की पुलिस से नोकझोंक के बीच रेल भवन के आगे धरना जारी है। पार्टी के मुताबिक धरना मंगलवार को भी जारी रहेगा। इस बीच दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट में कहा है कि आप के नेता उन्हें उकसा रहे हैं। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने धरने में शामिल आप सरकार में परिवहन मंत्री सौरभ भारद्वाज को हिरासत में लिया। बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
भारद्वाज ने छूटने के बाद कहा, ‘कॉन्स्टेबलों ने हमारे साथ बदसलूकी है। हमें गिरफ्तार किया गया और फिर दूर ले जाकर छोड़ दिया गया।’ धरनास्थल पर बैठे केजरीवाल ने भारद्वाज को हिरासत में लिए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने पुलिस पर भारद्वाज को गलत तरीके से हिरासत में लेने का आरोप लगाया। केजरीवाल ने कहा कि आखिर एक मंत्री कैसे दिल्ली की कानून व्यवस्था के लिए खतरा हो सकता है।
उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री यहां बैठे हुए हैं..किसलिए बैठे हुए हैं? महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बैठे हुए हैं और तानाशाही उन लोगों की चल रही है। यह देश देख रहा है… देश के लोग लोकसभा में ऐसा मजा चखाएंगे इस कांग्रेस पार्टी को कि याद रखेंगे।’ उधर, दिल्ली पुलिस ने इससे अलग बयान दिया है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक भारद्वाज को गिरफ्तार नहीं किया गया है, वह ही जबरन आकर गाड़ी में बैठे।
पीएम से मिले शिंदेः केजरीवाल के धरने पर देर रात हुई कैबिनेट की बैठक में भी चर्चा हुई। इसमें गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे भी मौजूद थे। बैठक के बाद शिंदे ने प्रधानमंत्री के साथ फिर अलग से बैठक की और उन्हें धरने से जुड़ी अन्य जानकारियां दीं।
कल भी बंद रहेंगे मेट्रो स्टेशनः आम आदमी पार्टी के मंगलवार को भी रेलवे भवन के आगे धरने के ऐलान के कारण मंगलवार को भी कुछ मेट्रो स्टेशन बंद रहेंगे। गौरतलब है कि धरने के कारण सोमवार को केंद्रीय सचिवालय, रेसकोर्स, पटेल चौक और उद्योग भवन मेट्रो स्टेशन कुछ घंटे बंद रहे थे।
पुलिस ने कहा उकसा रहे हैं AAP के नेताः दरअसल पुलिस ने धरनास्थल के पास सुरक्षा घेरा बनाया हुआ है। जो भी इस घेरे से बाहर निकल रहा है उसे फिर अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक इसको लेकर पुलिस और आप के कार्यकर्ताओं में नोकझोंक होती रही। उधर, दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने इसमें कहा है कि आम आदमी पार्टी उसे उकसा रही है।
इससे पहले धरनास्थल उस समय मजमेबाजी में तब्दील होता दिखा जब नॉर्थ ब्लॉक (गृह मंत्रालय) पर धरना देने जा रहे सीएम और उनकी टीम को रेल भवन के पास रोक दिया गया और केजरीवाल यह कहते हुए वहीं धरने पर बैठ गए कि वह अगले 10 दिन तक धरने से उठने के मूड में नहीं हैं और तब तक वहीं से सरकार चलाएंगे।
रेल भवन के सामने ही शुरू किया धरना धरना देने के लिए केजरीवाल और उनकी टीम सुबह 11 बजे दिल्ली सरकार के मुख्यालय दिल्ली सचिवालय से निकली। सीएम की कार में उनके एक मंत्री मनीष सिसोदिया, सीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजेंद्र कुमार साथ थे तो बाकी मंत्री अपनी गाड़ियों में उनके साथ चल रहे थे। मीडिया का भारी जमावड़ा भी सीएम काफिले के साथ चल रहा था। करीब 20 मिनट के अंतराल में यह काफिला रेल भवन के पास पहुंचा, जहां पुलिस ने उन्हें रोक लिया और आगे बढ़ने की इजाजत नही दी। वह वहीं धरने पर बैठ गए।
पुलिस अधिकारियों से गरमा-गरमी इस बीच सीएम की पुलिस के आला अधिकारियों के साथ खासी गरमा-गरमी भी हुई। पुलिस जल्द से जल्द रेल भवन से केरजीवाल और उनके समर्थकों का धरना खत्म कराना चाहती है। पुलिस अधिकारी बार-बार केजरीवाल से अपील कर रहे हैं कि वे जंतर मंतर पर जाकर वहां धरने पर बैठें। इस वीआईपी इलाके में ऐसे धरने को चलने नहीं दिया जा सकता। मगर, केजरीवाल और उनके सहयोगी अभी तक इसके लिए तैयार नहीं हैं।
युगांडाई दूतावास का पत्र वापस लिया आम आदमी पार्टी ने युगांडाई दूतावास का वह पत्र वापस लिया है जो पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में थोड़ी देर पहले जारी किया गया था। इस पत्र में एक जगह पीड़िता की पहचान जाहिर की गई थी। पार्टी ने मीडिया समूहों को भेजे स्पष्टीकरण में पत्र जारी किए जाने की गलती पर खेद जताया है। बाद में केजरीवाल ने उस पत्र में कही गई बातें सुनाईं और कहा कि इस पत्र से पीड़िता का नाम हटा दिया गया है।
अराजकता के लिए सरकार को ठहराया जिम्मेदार इसके तुरंत बाद ही अपने विधायकों और समर्थकों को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने हालात के लिए पूरी तरह से प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और केंद्र को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि वह 10 दिन के लिए तैयार होकर आए हैं और आवश्यक हुआ तो प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि इससे पैदा होने वाले किसी भी तरह के संकट के लिए केंद्र जिम्मेदार होगा।
दिल्ली सरकार का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने उनके दो मंत्रियों सोमनाथ भारती और राखी बिड़ला की गुजारिश को नहीं माना, जिसके खिलाफ केजरीवाल ने अपनी कैबिनेट समेत नॉर्थ ब्लॉक पर धरना देने की घोषणा की थी। कैबिनेट ने सरकार के मुख्यालय दिल्ली सचिवालय से नॉर्थ ब्लॉक जाने का कार्यक्रम बनाया था, जिस कारण वहां पुलिस ने जबर्दस्त व्यवस्था कर रखी थी। इसके अलावा सरकार के मंत्रियों को नॉर्थ ब्लॉक न पहुंचने देने के लिए इंडिया गेट और आसपास धारा-144 भी लगा दी गई थी।
गृह मंत्रालय जाते समय केजरीवाल ने ट्वीट करके इस धरने में अन्य लोगों के शामिल न होने की अपील की थी। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि क्योंकि केंद्रीय सचिवालय के आसपास 26 जनवरी की तैयारियां चल रही हैं, इसलिए कोई भी व्यक्ति धरने में शामिल होने के लिए न आए। उधर, कानून मंत्री सोमनाथ भारती पर कोर्ट द्वारा केस दर्ज करने के आदेश के बाद केजरीवाल थोड़ा नरम पड़े हैं और उन्होंने पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किए जाने के बजाए कम से कम तबादले की मांग की है।
पुलिस अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कदम उठाने की मांग गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के जांच के बाद ही कार्रवाई के बयान को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री ने ‘भ्रष्ट’ अधिकारियों के तत्काल निलंबन की मांग की, जिन्होंने जनहित में कदम उठाने से इनकार कर दिया और जिसका मामला कानून मंत्री सोमनाथ भारती ने उठाया।
कानून मंत्री तब विवादों में आ गए थे जब उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र मालवीय नगर के करीबी इलाके में जाकर दावा किया कि एक आवास से ड्रग और वेश्यावृत्ति गिरोह चलाया जा रहा है। उन्होंने वहां पर पुलिस कार्रवाई किये जाने की मांग की।
हालांकि, पुलिस ने यह कहते हुए कदम उठाने से इनकार कर दिया कि ऐसा करने के लिए उनके पास वारंट नहीं है। ‘आप’ कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर युगांडा की कुछ महिलाओं को यूरीन सैंपल देने के लिए मजबूर किया। उनकी कार्रवाई को चौतरफा निशाना बनाया गया पर ‘आप’ सरकार जोर दे रही है कि पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कदम उठाया जाना चाहिए।

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