नई दिल्ली / केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम का मानना है कि कांग्रेस ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) को समर्थन देने का फैसला बेकार ही ले लिया। उनका कहना है कि AAP को बाहर से समर्थन देना है या नहीं, इस बात को लेकर कांग्रेस में राय बंटी हुई थी। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में चिदंबरम ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह एक गैर-जरूरी फैसला था। हमें आठ सीटें मिली थीं और हम तीसरे स्थान पर सिमट गए थे। जनता ने हमें न तो सरकार बनाने के लिए वोट किया था और न ही मुख्य विपक्षी दल के रूप में बिठाने के लिए। इसलिए हमें चुपचाप बैठे रहना चाहिए था।’
चिदंबरम ने कहा कि आम आदमी पार्टी को बिना शर्त समर्थन देने का फैसला पार्टी की दिल्ली यूनिट ने किया था। उन्होंने कहा, ‘यह तो वक्त ही बताएगा कि यह फैसला सही है या गलत, लेकिन मैं बता दूं कि इस बात को लेकर पार्टी में राय बंटी हुई थी कि AAP को बाहर से समर्थन देना है या नहीं।’
पिछली शीला सरकार और कॉमनवेल्थ घोटालों की जांच कराने के केरजीवाल के बयान पर चिदंबरम ने कहा, ‘उन्होंने न जाने कितने ही लोगों पर कितने आरोप लगाए हैं। अगर दिल्ली सरकार को किसी राजनेता या ऑफिसर के खिलाफ ऐक्शन लेना है तो चुपचाप ले लें। इसे लेकर शोर क्यों मचाना।’
चिदंबरम ने कहा कि पूर्व मूख्यमंत्री शीला दीक्षित और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमिटी के चीफ अरविंदर सिंह लवली साफ कर चुके हैं कि वह सरकार के किसी भी ऐसे कदम का स्वागत करते हैं। ऐसे में वह ऐक्शन लेने के बजाय इस बात का हल्ला क्यों कर रहे हैं?’