क्या यह नियमों का उलंघन नहीं, पीली बत्ती लगे निजि वाहन का प्रयोग

खुलेआम कानून को धता बता घूमा पुलिस के फलेग मार्च में वाहन
निजी वाहनों मे हो रहा प्रयोग,अधिकारी स्वयं कर रहे नियमों का उलंघन
27-डा.लक्ष्मी नारायण वैष्णव- दमोह/ जिनके कंधों पर कानून के पालन कराने तथा नियम विरूद्ध कार्य करने वालों को कानून के अनूसार दण्डित करने तथा कराने की जिम्मेदारी हो अगर वही नियमों को बलाये ताक पर रख खुलेआम कानून की धज्जियां उडाने में लगे हों तो इसे कहा जायेगा? क्या इनके द्वारा किये जा रहे एैसे कार्यों से उच्चाधिकारी अनभिज्ञ हैं या फिर जानबूझकर अंजान बने हुये दिखलायी देते हैं? कानून के जानकारों के अनुसार दोनों ही स्थिति में कर्तव्य के प्रति उदासीनता तथा पद के लिये अयोग्य होने की ओर ईशारा करता है। हम आपको एक एैसे ही मामले की ओर ध्यान दिलाना चाहते हैं जिसमें एैसे वाहनों में पीली बत्ती एवं मध्यप्रदेश शासन लिखकर दौडाया जा रहा है जिनकी अनुमति कानून नहीं देता। वैसे तो सम्पूर्ण प्रदेश में इस प्रकार के मामले आपके सामने आते ही रहते हैं इसी क्रम में बात करें जिले की तो एैसा प्रतीत होता है कि जैसे बाढ सी आ गयी हो पीली बत्ती लगे एवं मध्यप्रदेश शासन लिखे वाहनों में की। ऐसा प्रतीत हो गया है कि वाहनो में पीली बत्ती लगाना एवं मध्यप्रदेश शासन लिखना मानो फैशन बन गया हो । इस प्रकार के वाहनो को सडकों पर दौडते आसानी से देखा जा सकता है । नियम विरूद्ध चल रहे इन वाहनो के विरूद्ध न तो किसी प्रकार की कार्यवाही होती है एवं न ही किसी अधिकारी की नजर  जाती है ! सब कुछ धडल्ले से चल रहा है और जिम्मेदार अधिकारी धृतराष्ट बने हुये हैं। चले क्यों न क्योंकि जिन्हे कार्यवाही करना है वह खुद नियमों को बलाये ताक पर रख उक्त कार्य में लगे देखे जा सकते हैं। शासकीय वाहनों की तो बात ही अलग है निजी वाहनो में भी अधिकारी पीली बत्ती का प्रयोग करने से नहीं हिचकते साथ ही ऐसे अधिकारियों की कमी नहीं है जिन्हे पात्रता नहीं होने के बाबजूद उक्त कार्य में लगे हुये हैं।
फलेग मार्च में घूमा खुलेआम वाहन-
देश में हो रहे आम चुनाव के चलते निर्वाचन प्रक्रिया सम्पन्न कराने का दौर जारी है और इसी के चलते 17 अप्रेल को मतदान दमोह संसदीय क्षेत्र में भी सम्पन्न हुआ था। मतदान समाप्ति के पश्चात् पुलिस द्वारा एक फलेग मार्च शहर के मुख्य मार्ग से होकर निकाला जिसमें एक काले रंग की निजि स्कारपियो वाहन पीली बत्ती लगाकर समस्त वाहनों के साथ घूमी। सूत्रों की माने तो जिले में पदस्थ आर आई का वाहन है पिछले लम्बे अरसे से पीली बत्ती लगाकर जिले एवं जिले से बाहर प्रयोग होने वाले उक्त वाहन के संबध में पुलिस के आला अधिकारियों की चुप्पी और उडती धज्जियां लगातार चर्चाओं में बनी हुई हैं?
क्या कहता है नियम और किसको है पात्रता-
कानून के जानकारों के अनुसार परिवहन विभाग के क्रमांक एफ.22-21486 ङ्कढ्ढढ्ढढ्ढ के अनुसार अगर देखें तो संभाग आयुक्तों ,पुलिस महानिरीक्षक,उप -पुलिस महानिरीक्षक,जिलाध्यक्ष जिला मजिस्टेड, पुलिस अधिक्षक,अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारीउप संभागीय दण्डाधिकारीसिटी मजिस्टेड,अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक,एस.डी.ओ.पुलिसनगर पुलिस,राज्य सत्कार अधिकारी को उनके कार्य क्षेत्र के अन्दर पीली बत्तीयों का वाहनों में लगाने की पात्रता है। अब बात करें मध्य प्रदेश शासन वाहनो में लिखने की तो क्या हो रहा है किसी से छिपा नहीं है। जानकारों की माने तो शासन द्वारा निर्धारित नियमों के तहत सिर्फ शासकीय वाहनो को जिन्हे विशेष सीरिज के नंम्बर जैसे एम०पी००2,०3 या अन्य क्रमांक परिवहन विभाग द्वारा निर्धारित किये गये है को छोडके अन्य वाहनो में इसका प्रयोग किया नहीं जा सकता। हालांकि कुछ माह पूर्व शासन द्वारा क्रय किये गये कुछ वाहनों में सामान्य नम्बरों को परिवहन विभाग द्वारा जारी किया गया है परन्तु इनकी संख्या बहुत ही कम बतलायी जाती है। वहीं जानकारों के अनुसार अनुबंधित वाहनों मे मध्यप्रदेश शासन सेवार्थ लिखा जा सकता है । लेकिन उक्त नियम की धज्जीयां किस प्रकार उड रहीं कहीं भी देखा जा सकता है।
नियमों को बलाये ताक पर रख कार्य करने में ही लोग लगे हुये जिनको नियम एवं कानून की रक्षा के लिये दायित्व सौंपा गया है। आम नागरिकों द्वारा विधि के विरूद्ध कार्य करने पर उनके विरूद्ध यही अधिकारी नियम कानून की दुहाई देते हुये उनके विरूद्ध कार्यवाही करते हैं ।

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