अमरीकी पत्रकार जेम्स फाली की हत्या की निन्दा

मनोज अलीगढ़ी
मनोज अलीगढ़ी

अलीगढ़। इस्लामिक स्टेट ऑफ इरान में सीरिया के अगवा किए गए अमरीकी पत्रकार जेम्स फाली की सिर कलम करके हत्या कर दी गई है। फोटो जर्नलिस्ट मनोज अलीगढ़ी ने इस घटना की निन्दा करते हुए मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और सरकार से मांग की है कि मीडिया से जुड़े लोग विपरीत परिस्थितियों में समाचार संकलन एवं छाया चित्रण करके देश सेवा करते हैं, ताकि जनता-जर्नादन को समाचार प्राप्त हो सकें। परन्तु उनकी सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है।
अमरीकी पत्रकार जेम्स फाली को श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए मनोज अलीगढ़ी ने कहा है कि जेम्स का कसूर क्या था? वह अपने समाचार पत्र की ओर से सीरिया में कार्य कर रहे थे, परन्तु उन्हें अगवा किया गया, ताकि अमरीका से सौदेबाजी की जा सके और अब उनकी हत्या कर दी गई। यह स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है। देश के विभिन्न भागों में पत्रकारों पर हुए हमलों का वर्णन करते हुए मनोज अलीगढ़ी ने कहा कि हमारा देश एक प्रजातांत्रिक देश है और मीडिया उसका चौथा स्तंभ माना जाता है, जो सरकार और देश की जनता के बीच सेतू का काम करता है। परन्तु दुर्भाग्य है कि न तो सरकार और न ही जनता पत्रकारों के महत्व और उनकी सुरक्षा के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि कई मामलों में स्वयं सरकार ने पत्रकारों के प्रति बदले की भावना से कार्यवाही की, जो प्रजातंत्र के लिए एक खतरा है। मनोज अलीगढ़ी ने मांग की कि पत्रकारों को समाज में उचित स्थान दिलाया जाये। मनोज अलीगढ़ी ने कहा है कि चाहें सांप्रदायिक दंगा हो अथवा युद्ध पत्रकार सदैव अपनी जान-जोखिम में डालकर अपना कर्तव्य निभाते हैं। सरकार को चाहिए कि फोटो जर्नलिस्टों और संवाददाताओं की सुरक्षा के लिए कानून बनाये तथा उनका जीवन बीमा होना चाहिए। यह कार्यक्रम बेगमपुर स्थित सम्पन्न हुआ। यहां पर इकबाल अहमद, यास देहलवी, मो. जुनैद, मो. अहमद सेवन, के.बी. दुबे, विपिन कुमार, रोहिताश कुमार, शिखा सिंह, प्राची यादव आदि भारी संख्या में लोग मौजूद थे।
मनोज अलीगढ़ी स्वतंत्र फोटो जर्नलिस्ट हैं, जो देश की विभिन्न संवाद समितियों, हिन्दी-अंग्रेजी, उर्दू समाचार पत्रों से जुड़े हुए हैं।
मनोज अलीगढ़ी
फोटो जर्नलिस्ट
अलीगढ़
मो. 9319455999

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