घरों में महिला नेताओं का प्रशिक्षण जारी

नगरीय निकायों के आम निर्वाचन को लेकर तैयारियां 
MadhyaPradesh-डा. लक्ष्मीनारायण वैष्णव- भोपाल / नगरीय निकायों के आम निर्वाचन की प्रक्रिया को लेकर चुनावी बिगुल बजने ही वाला है लेकिन राजनैतिक हल्कों में इसमें भाग लेने के लिये नेताओं ने अपनी कमर कसना प्रारंभ तो पूर्व से ही कर दिया था। वहीं आरक्षण की प्रक्रिया सम्पन्न होने के साथ ही कुछ के चेहरों पर प्रसन्नता तो कुछ के चेहरों पर निराशा के भाव देखे जा सकते हैं तो वहीं दूसरी ओर अनेक एैसे हैं जो राजनैतिक दांव पैचों के तहत इसके मध्य का रास्ता निकालने में लगे हुये देखे जा सकते हैं। इसी क्रम में अपने अपने राजनैतिक आकाओं के दरवाजे पर दस्तक देते हुये वंदनारत नेताओं के चेहरों के भावों को आसानी समझा जा सकता है। वह जो कभी जो कभी ठीक से देखते भी नहीं थे वह भी अब नम्रता स्वांग रचाते दिखने लगे हैं। आमजनमानस में जाकर यह दिखलाने का प्रयास किया जाने लगा है कि वह उनके सबसे ज्यादा हितेषी हैं वह उनको पहचानते हैं। हालांकि अचानक नेताओं के रूख में आये परिवर्तन को समझने वाले समझ भी रहे हैं तो कुछ को यह कहते सुना जा रहा है कि भैया इनको क्या हो गया है? ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश में 288 नगरीय निकायों के निर्वाचन की प्रक्रिया प्रारंभ होने की घोषणा होने ही वाली है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जहां चुनाव आयोग इसकी तैयारी पूर्ण कर चुका है तो वहीं प्रशासनिक अमला भी इसमें जुटा हुआ है।

महिलाओं को प्रशिक्षण-
उक्त नगरीय निकाय चुनावों के आरक्षण की प्रक्रिया के सम्पन्न होते ही नेताओं ने अनेक नेताओं ने अपनी पत्नियों,बहुओं,बेटियों को प्रशिक्षण देना प्रारंभ कर दिया है। उनको सामाजिक,राजनैतिक,पहनावे से लेकर उठने बैठने तक का प्रशिक्षण देने की इस समय जमकर चर्चा बनी हुई है। विदित हो कि इस बार प्रदेश की अनेक सीटों पर महिला उम्मीदवार अपनी किस्मत को आजमायेंगी जिसको घोषित आरक्षण में जानकारी भी दे गयी है। नेतागिरी की बारीक हुनरों को इनको लगातार बतलाया जा रहा है तो वहीं कुछ जगहों पर तो संपर्क अभियान भी प्रारंभ कर दिया गया है। इस समय उनके नाम भी उभर कर सामने आ रहे हैं जिनका राजनैतिक क्षेत्र में न तो कोई योगदान है तथा न ही वह कभी इसके लिये आगे आयी हैं। अनेक तो एैसे हैं जो राजनैतिक दलों की सक्रिय तो क्या प्राथमिक सदस्य भी नहीं है? सिर्फ यही है कि फलां की पत्नि,बहु या बेटी हैं हालांकि अनेकों के बारे में तो उनकी असहजता की जानकारी एवं चर्चा हो भी रही है परन्तु नेताओं के आगे वह भी बेबश नजर आ रही हैं तो कुछ उनकी राजनैतिक आकांक्षाओं को पूर्ण करने के लिये सहयोग के लिये आगे आ रही हैं। यह मामला कोई किसी एक राजनैतिक दल में नहीं अपितु प्रत्येक दलों की बतलायी जाती है?
राज्य निर्वाचन आयोग का आदेश-

डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव
डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव

प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश के 288 नगरीय निकायों के चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने वाले नेताओं के लिये तनाव बढाने एवं राहत दोनो की बात है। आदेश के अनुसार उम्मीदवारों को नामांकन पत्र पूरा भरना पडेगा । जिसके अनुसार आपराधिक रिकॉर्ड सहित,चल-अचल संपत्ति,शैक्षणिक योग्यता संबंधी कोई भी कॉलम रिक्त छोडऩे पर उसका नामांकन निरस्त कर दिया जाएगा। इसी क्रम में अगर दूसरी ओर देखें तो दो से ज्यादा बच्चों के पिता भी चुनाव लड़ सकेंगे. लेकिन उम्मीदवार को निर्धारित कॉलम में बच्चों की संख्या देना अनिवार्य होगी ऐसे उम्मीदवारों को चुनाव से अयोग्य किए जाने का प्रावधान समाप्त निर्वाचन आयोग ने कर दिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य निर्वाचन आयोग इस व्यवस्था को पहली बार नगरीय निकाय के चुनाव में लागू करने जा रहा है.जानकारी के अनुसार,उक्त व्यवस्था लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव की तरह होगी.इस व्यवस्था में उम्मीदवारों के किसी कॉलम में जानकारी निरंक है तो कॉलम में निरंक लिखना जरूरी होगा. जानकारियां निर्धारित शुल्क के स्टांप पेपर में दो प्रतियों में जमा करना होगा.इनमें से एक प्रति रिटर्निंग ऑफिस के नोटिस बोर्ड पर चस्पा की जाएगी।

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