गुजरात में ग़रीबों को गोलियाँ मिलती हैं: सोनिया

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुजरात में चुनाव अभियान शुरू करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है.

राजकोट में दिए भाषण में सोनिया गांधी ने इस बार नरेंद्र मोदी पर कोई निजी टिप्पणी नहीं की, लेकिन उनके विकास और सुशासन के दावों पर सवाल उठाए.

हालांकि इससे एक दिन पहले मोदी ने आरोप लगाया था कि सरकार ने सोनिया के विदेशी दौरों और उपचार पर 1800 करोड़ रुपए खर्च कर डाले हैं.

पर इसके जवाब में सोनिया ने इतना भर कहना ही मुनासिब समझा कि विपक्ष निराधार आरोप लगा रहा है जिस वजह से अहम मुद्दे नज़रअंदाज़ हो रहे हैं

उन्होंने कहा, “गुजरात में जब गरीब लोग अपने हक माँगते हैं तो उन्हें गोलियाँ मिलती हैं.”

गुजरात विधानसभा चुनाव दिसंबर में होना है. अपने भाषण को सोनिया बनाम मोदी न बनाते हुए इस बार सोनिया गांधी ने गुजरात सरकार को राज्य का समुचित विकास न करने के लिए कोसा.

एएफडीआई की वकालत

उन्होंने भाषण के ज़रिए यूपीए सरकार की उपलब्धियाँ गिनाईं और डीज़ल की कीमत बढ़ाने के पीछे सरकारी पक्ष रखा.

सोनिया का कहना था, “यूपीए सरकार ने न सिर्फ किसानों का कर्ज़ माफ किया बल्कि उत्पादों का न्यूनतम मूल्य भी बढ़ाया. कांग्रेस सरकार ने हर क्षेत्र में काम किया है चाहे वो मूलभूत ढाँचा हो या ग्रामीण क्षेत्र. शायद आपसे ये बात छिपाई जा रही है कि यूपीए सरकार ने एनडीए सरकार की तुलना में गुजरात को 50 फीसदी ज़्यादा फंड दिया है.”

सोनिया ने भाषण के बहाने एफडीआई की वकालत भी की और गुजरात के किसानों को इसके फायदे गिनवाए.

उन्होंने कहा, “किसान को फसल की असली कीमत तभी मिलेगी जब उसे बिचौलियों से निजात मिले. उससे भी अहम बात ये है कि जो राज्य सरकार नहीं चाहती वो एफ़डीआई लागू नहीं कर सकती. फिर इस पर इतना हंगामा क्यों मच रहा है.”

उन्होंने ये भी कहा कि वैट पर शिकायत तो सब करते हैं लेकिन गुजरात में वैट सबसे ज़्यादा है.

यानी भाषण का पूरा ज़ोर गुजरात और विकास पर था. पिछली बार चुनावी अभियान में सोनिया गांधी ने मोदी को मौत का सौदागर कहा था.

सोनिया में अपने भाषण में लोकपाल का भी ज़िक्र किया और इसके पारित न होने के लिए भाजपा को दोषी ठहराया.

इसके जवाब में भाजपा नेता बलबीर पुंज ने कहा कि सोनिया ने राजनीतिक कारणों से भाजपा के बारे में अर्धसत्य बोला है.

 

error: Content is protected !!