झूठे और भ्रामक विज्ञापनों के लिए एयरटेल को दिल्ली हाईकोर्ट की फटकार

दिल्ली हाईकोर्ट ने आज एयरटेल के विज्ञापनों को भ्रामक और झूठा करार देते हुए आदेश परित किया।
एयरटेल ने हाल ही में एक विज्ञापन अभियान शुरू किया था। जिसमेंदावा किया गया था कि IPL के T20 मैच मुफ़्त और लाइव दिखाए जाएंगे। साथ ही ये भी कहा गया कि यह मैच केवल एयरटेल के ग्राहकों के लिए ही उपलब्ध होगें। माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय ने एयरटेल को आदेश दिया कि वो इन विज्ञापनों को संशोधित करे। साथ ही स्पष्ट रूप से यह उल्लेख करे कि मैच एयरटेल नेटवर्क पर लाइव नहीं हैं और एयरटेल ने अपने ग्राहकों को केवल हॉटस्टार ऐप की मुफ्त सदस्यता दी है। एयरटेल ने इस तथ्य को भी छिपाया कि जियो अपने ग्राहकों को यह सुविधा पिछले 1.5 साल से दे रहा है। इसके अलावा अदालत ने एयरटेल को यह भी सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि वह अपने विज्ञापनों में यह जानकारी दे कि यह सेवा मुफ़्त नहीं है और डेटा डाउनलोड चार्ज उनके मौजूदा प्लान के अनुसार लागू होंगे। अदालत ने संशोधनों को तुरंत प्रभाव से लागू करने का आदेश दिया है ताकि ग्राहक गुमराह ना हों।

दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश, रिलायंस जियो की उस याचिका पर आया है जिसमें एयरटेल के भ्रामक विज्ञापनों का हवाला दिया गया था। अदालत ने भ्रामक विज्ञापन देने के लिए एयरटेल को फटकार लगाते हुए कहा कि एयरटेल ऐसे झूठे विज्ञापन देता ही क्यों है जिसमें अदालत को हस्तक्षेप करना पड़े और बाद में संशोधन की आवश्यकता हो।
यह कोई पहली बार नही है, एयरटेल लगातार इस तरह की हरकतें करता रहा है। हाल ही में अदालतों और एडवरटाइजिंग कॉउंसिल ऑफ इंडिया ने कई मामलों में एयरटेल की खिंचाई की है। खासकर भ्रामक विज्ञापनों को जारी करने और झूठे दावा करने के लिए। इसी तरह के एक मामले में एयरटेल ने अपने विज्ञापनों में ओकला स्पीड टेस्ट के आधार पर सबसे तेज डेटा डाउनलोड स्पीड का दावा किया था। जबकि दूसरे विज्ञापन में यह दावा किया गया था कि एयरटेल का नेटवर्क ‘सबसे तेज नेटवर्क’ है।

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