भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी को ‘बेस्ट यूनिवर्सिटी – वोकेशनल एजूकेशन‘ अवार्ड

रीथिंक इंडिया अवार्ड्स 2018 के दौरान ‘बेस्ट यूनिवर्सिटी – वोकेशनल एजूकेशन‘
के लिए सम्मानित किए गए ब्रिगेडियर (डॉ) सुरजीतसिंह पाब्ला

नई दिल्ली, 14 मई, 2018ः भारत में शिक्षा की ‘स्विस ड्यूअल‘ प्रणाली शुरू करने वाले पहले विशुद्ध कौशल विश्वविद्यालय- भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) जयपुर को भारत में सर्वश्रेष्ठ व्यावसायिक शिक्षा विश्वविद्यालय के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में बीएसडीयू को भारत की शिक्षा 2018 के अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए नेताजी सुभाषचंद्र बोस अवार्ड से सम्मानित किया गया।
ऐसे समय में जबकि भारत दुनिया के दूसरे देशों के बीच उपयुक्त जगह बनाने के लिए आगे बढ़ रहा है, तब अपने शैक्षिक संस्थानों का अंतरराष्ट्रीयकरण एक नए भारत के निर्माण की दिशा में विकास का एक प्रमुख घटक साबित हो सकता है। भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी स्विट्जरलैंड की शिक्षा प्रणाली की अनुपालना में स्विस ड्यूअल सिस्टम ऑफ एजुकेशन के आधार पर गठित किया गया है, जिसमें छात्रों को अपनी शिक्षा पूरी करने के दौरान नौकरी के लिए तैयार किया जाता है। इस प्रणाली में सैद्धांतिक भाग के साथ-साथ उद्योगों से संबंधित वास्तविक प्रशिक्षण पर भी जोर दिया जाता है, जहां छह महीने के सेमेस्टर आधार पर छात्र विश्वविद्यालय और उद्योग में वैकल्पिक रूप से अपनी व्यावसायिक डिग्री पूरी करते हैं।
यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करते हुए भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी के कुलपति ब्रिगेडियर (डॉ) सुरजीतसिंह पाब्ला कहते हैं, ‘व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय के रूप में चुने जाने पर हम गौरव का अनुभव कर रहे हैं, क्योंकि हम हमेशा भारत में कौशल विकास उद्योग के लिए उत्कृष्टता का माहौल बनाने में विश्वास रखते हैं और हम कौशल शिक्षा (स्विस ड्यूअल सिस्टम) की दोहरी प्रणाली की अनूठी अवधारणा पर काम करते हैं, जहां सैद्धांतिक पढाई के साथ प्रमुख ध्यान व्यावहारिक औद्योगिक प्रशिक्षण पर रहता है। हम छात्रों को इतना ‘कुशल‘ बनाना चाहते हैं कि वे विभिन्न उद्योगों में अपने से संबंधित नौकरियों के लिए उपयुक्त हों या अपना व्यवसाय शुरू कर सकें।‘
नेताजी सुभाषचंद्र बोस उन समय के उन प्रभावशाली और मजबूत लोगों में से एक थे जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया और जिनकी अनूठी दृष्टि और जिनके अदम्य साहस की बदौलत भारत की स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त हुआ। नेताजी से जुडी पहल- ‘री-डिस्कवरिंग नेताजी सुभाषचंद्र बोस‘ के एक हिस्से के रूप में, रीथिंक इंडिया ने उन संस्थानों को तलाशने और सम्मानित करने का बीडा उठाया है, जिन्होंने अपनी शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के दौरान ऐसी ही कठिन परिस्थितियों के बावजूद वैश्विक मानकों की गुणवत्ता और कडे नियमों की अनुपालना की है।
जापानी दूतावास के जापान इनफॉर्मेशन सेंटर के निदेशक श्री मिजूहो हायाकावा और विदेश मंत्रालय के ईस्ट एशिया डिवीजन के सलाहकार (जापान) प्रो अशोककुमार चावला ने बीएसडीयू के प्रेसीडेंट ब्रिगेडियर (डॉ) सुरजीतसिंह पाब्ला को यह पुरस्कार प्रदान किया।
रीथ्ंिाक इंडिया ने नई दिल्ली में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के सीडी देशमुख सभागार में इस कार्यक्रम का आयोजन किया। समारोह में कुछ अन्य संगठनों को भी सम्मानित किया गया, इनमें आर्या ग्रुप ऑफ कॉलेजेस, जयपुर और सेंट मार्क्स स्कूल, नई दिल्ली भी शामिल हैं।

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