कर्नाटक चुनाव 2018: सत्ता का पेच फंसा

कर्नाटक में मंगलवार को चुनाव परिणाम की घोषणा के साथ ही नया सियासी दंगल शुरू हो गया है। दोपहर तक के रुझानों में पूर्ण बहुमत के करीब दिख रही भाजपा शाम होते-होते सरकार बनाने की दौड़ में पिछड़ती नजर आई। यह देख कांग्रेस को संजीवनी मिली और पार्टी ने तुरंत जेडीएस को सरकार बनाने का समर्थन दे दिया। लड़ाई यहीं तक खत्म नहीं हुई। थोड़ी ही देर में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया तो जेडीएस के एचडी कुमार स्वामी ने भी राजभवन जाकर सरकार बनाने का न्योता देने का अनुरोध किया। सत्ता के इस पेच में अब सबकी नजर राज्यपाल वजूभाई वाला पर टिक गई है कि वह किसे सरकार बनाने का न्योता देते हैं।
कर्नाटक चुनाव के मंगलवार को आए नतीजों में त्रिशंकु विधानसभा की तस्वीर सामने आई है। भाजपा 104 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है लेकिन वह बहुमत के आंकड़े से 8 सीट पीछे है। कांग्रेस को 78 सीटों पर जीत मिली है वहीं जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) 37 सीटें जीतने में सफल रही है। वहीं जेडीएस की सहयोगी पार्टी बीएसपी को एक सीट मिली है।
भाजपा जैसे ही बहुमत के आकड़े से दूर हुई, कांग्रेस ने 78 सीटों के बावजूद फुर्ती दिखाते हुए 37 सीटों वाले जेडीएस को समर्थन देने का दांव चल दिया। थोड़ी देर बाद जेडीएस ने भी समर्थन और एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाने की पेशकश मंजूर कर ली। शाम को कुमार स्वामी ने राज्यपाल वजूभाई वाला से मिलकर सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया।
बहुमत के जादुई आंकड़े से दूर भाजपा ने सरकार बनाने में पार्टी रणनीतिकारों की मदद लिए तीन केंद्रीय मंत्रियों धर्मेन्द्र प्रधान, प्रकाश जावड़ेकर और जे पी नड्डा को कर्नाटक भेजा है। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कर्नाटक में भाजपा सरकार बनाने जा रही है। इसमें कोई संदेह नहीं है।
बता दें कि 14 साल पहले 2004 में भी ऐसी ही स्थिति बनी थी। तब भाजपा को 79, कांग्रेस को 65 और जेडीएस को 58 सीटें मिली थीं। इसके बाद जेडीएस और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई थी जो 20 ही महीने चल पाई।

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