निमाड़ का प्रसिद्ध लोक पर्व गणगौर हर्षोउल्लास के साथ संपन्न हुआ। भारत के हृदय स्थल मध्य प्रदेश के पश्चिम व दक्षिण क्षेत्र के जिले निमाड़ के नाम से जाने जाते है । यहाँ का प्रसिद्ध लोक पर्व है गणगौर । गणगौर गुजरात व राजस्थान का भी लोक पर्व है। निमाड़ी बोली मारवाड़ी व गुजराती से काफी मिलती जुलती है। गणगौर पर्व भी दोनो राज्यों की परमपराओं से मिलता जुलता पर्व है। निमाड़ी गणगौर 9दिनों का पर्व होता है । होली के बाद दसमी या एकादसी से बांस की टोकनियों में गेहूँ के जवारे बोए जाते है। इस त्यौहार में बहुत वृद्धि हुई है । इस वर्ष नौ दिन के पर्व को विस्तार देकर 11दिन तक मनाया गया। जवरो को 11वें या 12वें दिन विसर्जित किया गया। गणगौर के जो रथ सजाए जाते हैं . उनमें जवारे रखे जाते हैं। रथ व जवारों की पूजा अर्चना की जाती है । खंड़वा जिला प्रशासन ने इस वर्ष वोटिंग प्रतिशत बढ़ने के लिए विसर्जन के पूर्व मतदान करने की शपथ दिलाई। श्रीमती सधना हेमंत उपाध्याय ने अपने पुत्र अनिमेष उपाध्याय एवं बहु अनुजा उपाध्याय के साथ ठिकरी . मुंदी आदि जगह गणगौर नृत्यो की दो . दो घंटे की प्रस्तुतियां दी।
चित्र खण्डवा म.प्र का वोटिंग की शपथ का।
हेमंत उपाध्याय. साहित्यकुटीर पं. राम नारायण उपाध्याय वार्ड खंडवा म.प्र . 7999749125 9424949839 9425086246
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