50 साल से ज्यादा उम्र वालों के विश्व कप में भाग लेगा भारत

भारत अगले साल दक्षिण अफ्रीका में होने वाले 50 साल से ज्यादा उम्र वाले खिलाड़ियों के विश्व कप में पहली बार भाग लेगा। इसके मैच 10 से 24 मार्च, 2020 के बीच केपटाउन और स्टेलनबॉश में खेले जाएंगे। वेस्ट इंडीज, नामीबिया और जिम्बाब्वे की टीमें भी इस साल टूर्नामेंट में अपना डेब्यू करेंगी। स्पोर्ट्स और ब्रांड गुरु शैलेंद्र सिंह को उनके पहले प्रयास में ही भारत का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है।

हालाँकि शेष टीम और इसकी जर्सी को अंतिम रूप दिया जाना अभी बाकी है। भारत को पाकिस्तान, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों के साथ ‘बी’ डिवीजन में रखा गया है। डिवीजन ‘बी’ की अन्य टीमों में ऑस्ट्रेलिया, वेस्ट इंडीज, न्यूजीलैंड और श्रीलंका शामिल हैं। भारत ने 5 मार्च को 50 ओवर के टूर्नामेंट की शुरुआत इंग्लैंड के खिलाफ ग्रीन प्वाइंट क्रिकेट क्लब में मैच से की।

शैलेन्द्र कहते हैं, “मैंने 15 साल तक बॉम्बे जिम की कप्तानी की है। इस दौरान मैंने 83 टीम का प्रतिनिधित्व किया। मैंने इंग्लैंड और स्कॉटलैंड में काउंटी क्रिकेट के महान खिलाड़ियों के खिलाफ खेला है। विश्व कप में भारत का नेतृत्व करने के मौका मिलने पर मैं बेहद उत्साहित हूँ और अजय रॉय के साथ कप को भारत वापस लाने और पूरे देश को गौरवान्वित करने की उम्मीद करता हूँ। ”

अजय रॉय भारत के 50 से ज्यादा उम्र वाले लोगों के एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं, वह कहते हैं, “आपको अपनी छाप छोड़ने का दूसरा मौका नहीं मिलता ।” ग्यारह अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय टीम अपने प्रदर्शन को लेकर यही उम्मीद करती है। ”

दिग्गज क्रिकेटर कपिल देव इस टूर्नामेंट को लेकर बेहद उत्साहित हैं और इसको लेकर उन्होंने अपनी भावनाएँ भी जाहिर की हैं। कपिल कहते हैं, “मैं 30 साल से शैलेन्द्र को जानता हूँ। काम के प्रति, क्रिकेट खेलने के प्रति या किसी भी चीज़ के लिए उनका समर्पण सराहनीय है। यह खूबसूरत क्षण है। वह 50 से ज्यादा उम्र वालों के क्रिकेट टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं और विश्व कप का नेतृत्व करने जा रहे हैं।” मैं उन्हें और उनकी पूरी टीम को शुभकामनाएँ देना चाहता हूं। अच्छा खेल खेलो और उसका आनंद उठाओ लड़कों और हम हर तरह से आपके साथ हैं।”

2018 में पहली बार 50 साल से ज्यादा उम्र वाले खिलाड़ियों का विश्व कप सिडनी (ऑस्ट्रेलिया) में खेला गया था और कप ऑस्ट्रेलिया ने जीता था। फ्लड लाइट्स की वजह से गुलाबी गेंद से मैच खेले गए। फिल्म निर्माता और स्पोर्ट्स और ब्रांड एक्सपर्ट शैलेन्द्र सिंह 1980 के दशक में यूके और स्कॉटलैंड में काउंटी क्रिकेट खेल चुके हैं।

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