देश की तरक्की में बाधक बनीं सरकार की गलत नीतियां: टाटा

नई दिल्ली। जहां एक ओर सरकार एफडीआइ के दोनों सदनों में पास होने पर खुशी मना रही है वहीं भारत के दिग्गज कारोबारी रतन टाटा ने कहा है कि सरकार की गलत नीतियों की बदौलत देश में औद्योगिक धंधों का विकास नहीं हो पा रहा है। उन्होंने सरकार को देश की आर्थिक बदहाली के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

विदेशी किराना के मुद्दे पर संसद में मिली जीत को सरकार अपनी आर्थिक नीतियों की जीत बता रही है, लेकिन इसी मौके पर देश के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा ने सरकार को बड़ा झटका दिया है। रतन टाटा ने साफ तौर पर आरोप लगाया है कि सरकार की गलत नीतियों की वजह से देश में उद्योग धंधों का विकास नहीं हो पा रहा है।

विदेशी किराना के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा में सरकार की जीत के जश्न के बीच देश के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का ने सरकार की आर्थिक नीति पर सवालिया निशान लगा दिया है। अंग्रेजी अखबार को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि आपको प्रधानमंत्री दफ्तर से कुछ और कहा जाता है, लेकिन मंत्री का कुछ और नजरिया होता है। दूसरे देशों में ऐसा नहीं होता है।एक स्टील प्लाट की अनुमति पाने के लिए आप सात या आठ साल का इंतजार नहीं कर सकते।

अपने इंटरव्यू में रतन टाटा ने कहा कि सरकार सही निर्णय नहीं ले पाती है जिसकी वजह से देश का घरेलू उद्योग विकास नहीं कर पा रहा है, उद्योग धंधों के विकास के लिए सरकार का सहयोग जरुरी है। मैं समझता हूं कि अगर भारतीय उद्योगों को भी सरकार से सहयोग मिले तो वो चीन के उद्योगों की बराबरी कर सकते हैं।

रतन टाटा ने अपने इंटव्यू में ये भी साफ कर दिया कि उनके उत्तरधिकारी साइरस मिस्त्री भारत की बजाए विदेशों में कारोबार करने में ज्यादा दिलचस्पी रख रहे हैं। साइरस मिस्त्री की नजर दक्षिण अफ्रीका और एशिया के नए बाजार पर है। वो पड़ोसी देश बाग्लादेश और म्यामार में भी कारोबार की संभावना तलाश रहे हैं।

रतन टाटा देश के मशहूर उद्योगपति हैं और उन्होंने देश में आर्थिक तरक्की के नए प्रतिमान कायम किए हैं। जाहिर है सरकार उनकी बातों को आसानी से खारिज नहीं कर सकती है। देखना दिलचस्प होगा कि सरकार उनकी बातों को किस अंदाज मे लेती है और क्या जवाब देती है।

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