कुमारी चांदनी ने बेटियों को दिया संदेश

प्रत्येक छात्राओं को अपने चरित्र और भविष्य की सुरक्षा के लिए स्वयं आत्मनिर्भर बनना होगा-
कुमारी चांदनी कुशवाहा

नौगांव छतरपुर 18 जनवरी 2021 सामान्य पिछड़े वर्ग परिवार में 18 जनवरी को जन्मी कुमारी चांदनी कुशवाहा अपने जीवन में संघर्ष और परिश्रम के साथ डॉक्टर बनने की अभिलाषा रखती हैं लेकिन उनके पिता रमेश कुशवाहा साधारण मजदूर किसान परिवार से हैं उनके दादाजी मनु लाल कुशवाहा वार्ड नंबर एक में रहते हैं लेकिन वो है संघर्ष के साथ उच्च शिक्षा ग्रहण कर एमएससी की छात्रा महाराजा महाविद्यालय छतरपुर में पढ़ती हैं आज उनके 23वें जन्मदिन पर बुंदेलखंड के समाजसेवी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के जन जागरण के प्रमुख राष्ट्रीय आदर्श शिक्षा रत्न उपाधि से सम्मानित संतोष गंगेले कर्मयोगी ने उनके निवास पर पहुंचकर बेटी का मनोबल बढ़ाया तिलक चंदन पूजन कर मिष्ठान खिलाया और जन्मदिन मनाया गया इस अवसर पर उनके दादा-दादी माता-पिता परिवार के लोग उपस्थित रहे l
एमएससी की छात्रा कुमारी चांदनी कुशवाहा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान में भारत सरकार और प्रदेश सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत बेटियों की सुरक्षा और उनके शिक्षा के लिए अत्यधिक धन खर्च कर रही है जिसका लाभ बेटियों को मिलना चाहिए उन्होंने कहा कि वह पिछले वर्ष परिवार में तथा सामान परिवार में पैदा होने के बाद आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रही हैं यदि मध्य प्रदेश सरकार के शिक्षा मंत्री एवं माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी क्षेत्रीय सांसद डॉ वीरेंद्र खटीक जी क्षेत्रीय विधायक श्री नीरज विनोद दीक्षित जी शिक्षा के लिए सरकार से मदद करेंगे तो हर डॉक्टर बनकर समाज और देश की सेवा करना चाहती हैं तुम्हारी चांदनी कुशवाहा ने वर्तमान में केवल छात्रों युवाओं को दोषी ठहराने के लिए दरकिनार करते हुए कहा कि माता-पिता परिवार में बच्चों लड़कों लड़कियों को अच्छे संस्कार मिलना चाहिए जिससे बेटियां सुरक्षित रह सकें उन्होंने कहा कि बेटियों को आत्मनिर्भर और चरित्रवान शिक्षित होने के लिए स्वयं सुरक्षा के साथ आगे बढ़ना होगा अपने मनोबल को गिराने या लो लालच में आने के कारण वह पीड़ितों परेशान होती हैं इसलिए बेटियों को लोग लालच और प्रेम जाल से बचना चाहिए समाजसेवी संतोष गंगेले ने कहा कि वह बेटियों के लिए पूरे जीवन से काम कर रहे हैं और उन्होंने अपनी बेटी कुमारी मंदाकिनी गंगेले एवं कुमारी अभिलाषा गंगेले को शिक्षित और संस्कार बनाकर अच्छे परिवारों में शादी विवाह किए हैं बिना दहेज बेटे की शादी करके समाज में दहेज के कलंक को मिटा कर उदाहरण प्रस्तुत किया है समाज सेवा व देश सेवा के लिए वह लगातार भारतीय संस्कृति संस्कारों नैतिक शिक्षा पर काम कर रहे हैं जिसके प्रचार प्रसार में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही है उन्होंने मीडिया कर्मियों के लिए धन्यवाद दिया है

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