अलगिलानी फाउंडेशन , मुम्बई, इंडिया ने विशारद बस्नेत को आनरेरी डिग्री से किया सम्मानित

विशारद बस्नेत की 20 साल की यात्रा कमाल की रही है । जुलाई,2001 में अपनी सपनो की तलाश में मायानगरी मुम्बई पुहंचे विशारद अगले दिन से मुम्बई की गलियों में अपने सपनो को तलाशने लगे । पर जल्दी ही उनको पता चल गया कि मुम्बई में रहने के लिए पैसा चाहिए। दिन में रोड में किताब बेचते और शाम को थिएटर करते । यह सिलसिला चलता रहा और 10 साल के बाद पुलिस फ़ाइल में उनको रोल मिला ,उसके बाद & पिक्चर का टेलीविज़न विज्ञापन किया । 2010 में एक्टिंग स्कूल ऑफ इंडिया की स्थापना की । विशारद का काम का सिलसिला शुरू ही हुआ था कि 2015 में विशारद के डैड पैरालाइज़ हो गये और उनको काठमांडू,नेपाल जाना पड़ा । नेपाल जाने के बाद भी वह नहीं रुके , अलग अलग फ़िल्म स्कूल में अभिनय पढ़ाना सुरु किया । 2017 में अपनी पहली फ़ीचर फ़िल्म मिस्टर वर्जिन डायरेक्ट किया और 2018 में दूसरी फ़ीचर फ़िल्म न एता न उत्ता डायरेक्ट किया । अभी विशारद अपनी अगली फ़िल्म लाल सलाम की तैयारी में है ।

अलगिलानी फाउंडेशन ने विशारद बस्नेत को 3 अवार्ड्स से नवाजा है (1) आनरेरी एक्सीलेंस अवार्ड (2) ग्लोबल पीस अवार्ड 2020 & (3) सर्टिफिकेशन फ़ॉर हिज कॉन्ट्रिब्यूशन इन् सोशल वर्क । विशारद को इस साल 2 आनरेरी डॉक्टरेट से UNRS / Dynamic Peace Rescue Mission International ने नवाजा है । विशारद कहते हैं कि यह अवार्ड और काम करने के लिए प्रोत्साहन करेगा और आने वाले समय में समाज के लिए कुछ अच्छा कर सके तो यह अवार्ड का जीवन में वैल्यू होगा । अभी विशारद अपनी फ़िल्म लाल सलाम और थिएटर इन एजुकेशन प्रोजेक्ट में बिजी है ।

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