एमएएचई का 29 वां दीक्षांत समारोह शुरू

मणिपाल, अक्तूबर 2021: “दुनिया कई तरह की चुनौतियों का सामना करती है – बीमारी, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण विध्वंस, गरीबी और युद्ध। कनाडा हो या कर्नाटक, हमें इन चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए आगे बढ़ना होगा और आप सब जैसे स्नातक, ऐसा करने में हमारी सहायता करेंगे।” यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया के 15वें प्रेसिडेंट और वाइस चांसलर, डॉ. सांता जेरेमी ओनो ने शनिवार, 9 अक्तूबर 2021 को एमएएचई के 29वें दीक्षांत समारोह में जो कहा उसका मर्म यही था।

दीक्षांत समारोह के पहले दिन आयोजन के मुख्य अतिथि थे, यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया के प्रेसिडेंट और वाइस चांसलर, डॉ. सांता जेरेमी ओनो, एमएएचई ट्रस्ट की ट्रस्टी, श्रीमती बसंती आर पई, प्रो चांसलर डॉ. एचएस बल्लाल, डॉ. रंजन आर पई, रजिस्ट्रार, ऐकेडमी ऑफ जनरल एजुकेशन तथा प्रेसिडेंट एमएएचई ट्रस्ट, लेफ्टिनेंट जनरल (डॉ.) एमडी वेंकटेश, वाइस चांसलर, डॉ. पीएलएनजी राव, प्रो वाइस चांसलर, डॉ. सीएस थमैया, प्रो वाइस चांसलर डॉ. दिलीप जी नायक, प्रो वाइस चांसलर डॉ. प्रग्ना राव, प्रो वाइस चांसलर डॉ. नारायण सभाहित, रजिस्ट्रार और डॉ. विनोद वी थॉमस, रजिस्ट्रार, मूल्यांकन।

दो दिन तक चले दीक्षांत समारोह की योजना पूरी तैयारी से बनाई गई थी और इसे खूब बारीकी से लागू किया गया। दोपहर बाद 3.00 केएमसी ग्रीन्स, मणिपाल में अपने संबोधन के दौरान डॉ सांता ओनो, प्रेसिडेंट और वाइस चांसलर, यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया के छात्रों को स्नातक की पढ़ाई पूरी होने पर बधाई दी। अपने भाषण में उन्होंने कहा, आप अपने जीवन के बदलाव वाले समय में हैं और संभावनाओं की सारी दुनिया आपके समक्ष है जो आगे और ऊपर जाती है। मेरा मानना है कि शिक्षा दो तरह की होती है – मस्तिष्क की शिक्षा और हृदय या दिल की शिक्षा। मस्तिष्क की शिक्षा का मतलब है जो आप पाठ्य पुस्तकों में पढ़ते हैं या व्याख्यानों में सुनते हैं। इसी के आधार पर आपकी परीक्षा होती है। लेकिन हृदय की शिक्षा एक व्यक्ति, एक मनुष्य और एक नागरिक तथा बेहतर विश्व के लिए एक ग्लोबल चेंज एजेंट के निर्माण के रूप में और ज्यादा महत्वपूर्ण है।” उन्होंने आगे कहा कि “जब मैं आप जैसे युवाओं के बारे में सोचता हूं कि यहां तक पहुंचने के लिए आपने क्या किया है तो मुझे यकीन होता है कि दुनिया अच्छे हाथों में है और यह भी कि हम मिलें और उन चुनौतियों से निपट लेंगे जिनका सामना हम करते हैं। उन्होंने सभी उत्तीर्ण छात्रों को बधाई दी।”

इस मौके पर अपने विचार रखते हुए प्रो चांसलर डॉ. एचएस बल्लाल ने कहा, “छात्रों के लिए दीक्षांत समारोह एक मील का पत्थर पास करने की तरह है। यह उनके दिलों में हमें हमेशा एक विशेष स्थान रखेगा और वे हमेशा इन क्षणों को याद करेंगे। एमएएचई में हमलोग पूरे दिल से अपने छात्रों के गौरवशाली भविष्य की कामना करते है। हमारे छात्र हमेशा से हमारे लिए गर्व और सम्मान रहे हैं और हमें यकीन है कि आपमें से प्रत्येक एमएएचई को तथा अपने अभिभावकों को गौरव प्रदान करेंगे।”

लेफ्टि जनरल (डॉ.) एमडी वेंकटेश, वाइस चांसलर, एमएएचई ने कहा, “एमएएचई में हमारे पास 31 विषयों में 375 से ज्यादा प्रोग्राम हैं और आज हम अपने सभी 2125 छात्रों, उनके अभिभावकों और संपूर्ण एमएएचई परिवार को उनके प्रयासों के लिए बधाई देते हैं खासतौर से कोविड महामारी के दौरान। आज केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) द्वारा हमें भारत के शिखर के विश्वविद्यालयों में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह एक महान और प्रतिबद्ध टीम के रूप में काम करने का प्रदर्शन है जो हमारे संस्थापक डॉ. टीएमए पई के सपनों को पूरा करने की तरह है।”

29वें दीक्षांत समारोह पर टिप्पणी करते हुए डॉ. पीएलएनजी राव, प्रो वाइस चांसलर (एचएस) एमएएचई ने कहा, “आज हम अपने छात्रों के दीक्षांत समारोह के गवाह बनकर एक तरह का गर्व महसूस कर रहे हैं। हममें से प्रत्येक के लिए गुजरा हुआ समय मुश्किल रहा है पर हमारे दृढ़ निश्चिय ने हमें इससे पार निकलने में हमारी मदद की। मैं अपने सभी छात्रों को बधाई देता हूं और भविष्य के उनके तमाम प्रयों के लिए सर्वश्रेष्ठ की कामना करता हूं।”

धन्यवाद ज्ञापन करते हुए रजिस्ट्रार डॉ. नारायण सभाहित ने इस मौके पर मौजूद सभी विशिष्ट अतिथियों को धन्यवाद दिया और अभिभावकों, छात्रों के साथ प्रेस और मीडिया के सम्मानित प्रतनिधियों के प्रति आभार जताया।

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