टीएसएससी की भारतीय दूरसंचार बाज़ार 2022-23 रिपोर्ट जारी

5 जी, क्लाउड कंप्यूटिंग, एआई एवं बिग डेटा एनालिटिक्स, आईओटी, मोबाइल ऐप विकास व रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन में पिछले वर्ष 1.5 लाख दक्ष लोगों की मांग रही
नयी दिल्ली, 18 मई, 2020- टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल (टीएसएससी) ने अवलोकनः भारतीय दूरसंचार बाजार 2022-23 लांच करने की आज घोषणा की जिसमें उन क्षेत्रों को रेखांकित किया गया है जहां दूरसंचार उद्योग में आगामी वित्त वर्ष के लिए आने वाले समय में वृद्धि दर्ज की जाएगी। दूरसंचार में कौशल विकास के लिए जिम्मेदार इस काउंसिल की रिपोर्ट में यह बात रेखांकित की गई है कि पिछले वर्ष 5जी, क्लाउड कंप्यूटिंग, एआई और बिग डेटा एनालिटिक्स, आईओटी, मोबाइल ऐप विकास और रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन के क्षेत्र में डेढ़ लाख से अधिक लोगों की मांग रही और मांग आपूर्ति का यह अंतर करीब 28 प्रतिशत है। अंतर 5जी और सहायक प्रौद्योगिकियों के आने के साथ प्रतिभाओं की मांग और आपूर्ति का यह अंतर निरंतर बढ़ता जाएगा।
निकट भविष्य में भारत का 5 जी नेटवर्क चालू होने के मद्देनजर टीएसएससी ने अपने साझीदारों और भागीदारों के साथ मिलकर कौशल विकास की ढांचागत सुविधाएं और कार्यबल बढ़ाने की योजना बनाई है। इसकी योजना अगले तीन वर्षों में एक लाख लोगों को प्रशिक्षित करने और देशभर में 10 नए सेंटर ऑफ एक्सिलेंस खोलने की है।
इस रिपोर्ट के लोकार्पण के मौके पर मंत्रालय, उद्योग और अकादमिक क्षेत्र से कई हस्तियां उपस्थित रहीं जिन्होंने कार्यबल को कुशल बनाने और भारत की आर्थिक वृद्धि के अगले चरण के लिए जहां दूरसंचार एक महत्वपूर्ण घटक होगा, महत्तम लाभ हासिल करने हेतु उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की। कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव श्री राजेश अग्रवाल, दूरसंचार विभाग के सचिव श्री के राजारमण और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव श्री अखिलेश कुमार शर्मा की उपस्थिति में इस रिपोर्ट का लोकार्पण किया गया।
इस अवसर पर दूरसंचार विभाग के सचिव श्री के राजारमण ने कहा, भारत में दूरसंचार और नेटवर्क से जुड़ी सेवाओं को लेकर रोजगार की जबरदस्त संभावनाएं हैं। कौशल विकास की इस जरूरत की ओर प्रगति से प्रौद्योगिकी संबंधी बदलावों और कौशल विकास पर ध्यान सुनिश्चित होगा और कार्यबल भविष्य के लिए अधिक प्रासंगिक होगा। इसके लिए आईटी प्रणाली के भीतर जबरदस्त फॉलो अप की जरूरत पड़ेगी जिससे किफायती रूप से कौशल विकास समर्थ होगा। हमें ब्रॉडबैंड का कम विस्तार, आरओडब्ल्यू मुद्दों जैसे नीतिगत मुद्दों का समाधान निकाले जाने की उम्मीद है और उद्योग को पेशेवर वर्ग जैसे ग्रामीण ब्रॉडबैंड टेक्नीशियन का सृजन करने की जरूरत है जो इस देश के भीतर खासकर ग्रामीण इलाकों में भारतनेट के विकास को सहयोग प्रदान कर सकें।
उन्होंने कहा, 5जी में उपयोग के जबरदस्त मामलों के साथ अवसरों से औद्योगिक स्थापना सुगम होगा और ग्राहकों को एआर वीआर, आईओटी आदि जैसे अनुभव प्राप्त होंगे और अपनी क्षमताओं की प्रकृति के साथ इसके लिए नए तरह के कौशल की जरूरत पड़ेगी। माननीय प्रधानमंत्री भी अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अवसरों की चर्चा करते रहे हैं और नए स्पेस स्टार्टअप्स और इकाइयों के साथ नए तरह के रोजगार सुनिश्चित होंगे।
इस अवसर पर कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव श्री राजेश अग्रवाल ने कहा, अगले दशकों में प्रौद्योगिकी बदलाव होंगे, लेकिन मानव प्रकृति जस की तस रहेगी। दूरसंचार हर क्षेत्र में जैसे मनोरंजन, निर्माण, कृषि आदि में उत्पादन से लेकर वितरण तक समाहित है। इन प्रौद्योगिकियों का अधिक कारगर तरीके से उपयोग करने के लिए कार्यबल को प्रशिक्षित करना महत्वपूर्ण है। जब हम दूरसंचार क्षेत्र में रोजगार की बात करते हैं तो हमें केवल यहां रोजगार के बारे में बात नहीं करनी चाहिए बल्कि इस पर भी बात करनी चाहिए कि उन्हें किस प्रकार के कौशल की जरूरत है।
उद्घाटन सत्र को टीएसएससी के अध्यक्ष और भारती ग्रुप के वाइस चेयरमैन श्री अखिल गुप्ता ने संबोधित करते हुए मंच पर मौजूद विभिन्न वक्ताओं का परिचय कराया। अखिल गुप्ता ने कहा, हमने भारत के युवाओं को कार्यकुशल बनाने में पिछले कुछ वर्षों में जबरदस्त सफलता हासिल की है। अब हमारी योजना कौशल विकास की पहल को अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों में ले जाने और अंतरराष्ट्रीय कार्यबल की मांग का आकलन करने की है। हम भारत को विश्व की कौशल राजधानी बनाने के प्रधानमंत्री के विजन को पूरा करेंगे।
इस पैनल में उद्योग के दिग्गज लोग जैसे एनसीवीईटी के चेयरमैन डॉक्टर एनएस कलसी, एनएसडीसी के सीओओ श्री वेद मणि तिवारी, आईसीईए के चेयरमैन पंकज महेंद्रू, वीआई के सीआरओ श्री पी बालाजी, डीआईपीए के डीजी श्री टीआर दुआ और टीएसएससी के सीईओ श्री अरविंद बाली शामिल थे जिन्होंने 5 जी सेवाओं और सहायक प्रौद्योगिकियों के प्रारंभ होने के बारे में चर्चा की।
टीएसएससी के सीईओ अरविंद बाली ने कहा, हम भारत में 5जी पारितंत्र की वृद्धि के लिए कार्यबल की मांग पूरी करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह पारितंत्र दूरसंचार उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं हैंडसेट विनिर्माण में पीएलआई के लिए मंजूरी के साथ बड़ी संख्या में विनिर्माण इकाइयों का उदय देखने जा रहा है। ओईएम भारत में अपनी इकाइयां लगा रही हैं और उन्हें अपनी आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने के लिए कई तरह के कौशल वाले लोगों की जरूरत पड़ेगी। हमारा लक्ष्य 5जी और इसकी सहायक प्रौद्योगिकियों के लिए एक विश्वस्तरीय कुशल कार्यबल के साथ इस पारितंत्र की मदद करना है।
टीएसएससी की योजना अपने मौजूदा ढांचे के विस्तार के साथ ही देशभर में 10 नए सेंटर ऑफ एक्सिलेंस स्थापित करने और 5जी, आईओटी, एआई, एमएल, एम2एम आदि जैसी भावी प्रौद्योगिकियों पर एक गुणवत्तापूर्ण कार्यबल को प्रशिक्षित करने के लिए अति आवश्यक क्षमता का निर्माण करने की है। यह संगठन उद्योग सीएसआर बजट और अन्य पहल से कोष का उपयोग करेगा। इनकी योजना दूरसंचार विनिर्माण और सेवा संकुलों का विस्तार करने की है जहां एक दक्ष कार्यबल की सबसे अधिक जरूरत है।
पीएमकेवीवाई, डीडीयू-जीकेवाई, एनयूएलएम, ईएसडीएम जैसी सरकारी योजनाओं के साथ टीएसएससी की योजना अफ्रीकी और पश्चिम एशियाई देशों के साथ गठबंधन के जरिये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार की है। यह हैंडहेल्ड डिवाइस रिपेयर जैसी पारंपरिक रोजगार की भूमिकाओं और सेवा उन्मुखी रोजगार की भूमिकाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए पहले से बातचीत कर रही है। आगे चलकर एडवांस्ड नौकरी के लिए पाठ्यक्रम इन क्षेत्रों में शुरू किए जाएंगे।

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