नहीं बुझेगी गैंगरेप पीड़ित को न्याय दिलाने की अलख

बीते तेरह दिनों से सख्त सजा, कड़ा कानून, पीड़िता को न्याय, सरकार की प्रतिबद्धता जैसे दिलासे धरे के धरे रह गए और दिल्ली में सामूहिक बलात्कार की शिकार युवती दुनिया से चली गई। अब माना जा रहा है कि उसकी मौत हमारे उस संकल्प को और मजबूत करेगी, जिसमें महिलाओं के साथ ऐसे घृणित अपराध के दोषियों को सख्त सजा दिलाने की कोशिशें हो रही हैं।

संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी कहा है कि हम प्रतिज्ञा करते हैं कि उसे न्याय मिलेगा। उसका यह संघर्ष व्यर्थ नहीं जाएगा’।

आधा दर्जन दरिंदों की शिकार हुई युवती सिंगापुर में बचाने की कोशिशों के बाद भी चिरनिद्रा में तो सो गई। लेकिन उसने जो ज्वाला भारत के सोए हुए लोगों के मन में जगाई है उससे अब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी जान गए हैं कि देश जाग गया है। शनिवार को उन्होंने भी कहा कि इस घटना से देश का हर नागरिक आहत है। दुख की इस बेला में मैं भी युवती के परिवार व दोस्तों के साथ खड़ा हूं। घटना से पैदा हुए गुस्से को सही दिशा दी जाएगी। हम युवती की मौत को बेकार नहीं जाने देंगे’।

उधर, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि मैं महसूस करती हूं कि युवती का असीम साहस और अपराजेय आत्मा कभी नहीं मरेगी। हम सब दिल से उसके परिवार के साथ हैं। पूरा देश उनके दुख में भागीदार हैं। हम प्रण करते हैं कि उसे न्याय मिलेगा और उसका यह संघर्ष व्यर्थ नहीं जाएगा’। सोनिया ने कहा कि वह लड़की बहादुरी के साथ दो हफ्ते तक दर्दनाक मुश्किलों से वह लड़ती रही। उसकी यह मौत देश की सभी महिलाओं की सुरक्षा, समानता और ऐसे बर्बर, पाशविक व घृणित अपराध के दोषियों को फौरन सजा दिलाने के सरकार के संकल्प को और मजबूत करती है। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और महिलाओं के विरुद्ध क्रूर हिंसा के खिलाफ सबके मिले-जुले संकल्प को समर्थन की भी अपील की है।

उधर, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं फिर न हों, इसलिए पीड़िता की मौत को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाना चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने युवती की मौत पर गहरा दुख जताते हुए कड़े दोषियों के लिए कड़े कानून बनाने पर जोर दिया है।

दर्द भरे 13 दिनों में किसने क्या कहा? :-

पीड़िता ने कहा :-

18 दिसंबर : लेट माई लेग, क्लीन माई थ्रोट। (लिख कर)

19 दिसंबर : मां, मैं जीना चाहती हूं, क्या उन्हें पकड़ लिया गया? (लिख कर)

20 दिसंबर : आप दोनों ने खाना खाया कि नहीं ? (लिखकर माता-पिता से पूछा)

21 दिसंबर : मां (वेंटिलेटर हटते ही बोली)

मां ने कहा :-

19 दिसंबर : प्लीज कुछ मत पूछिए। एक मां पर क्या बीत रही है यह सिर्फ मां ही जानती है। ऐसी हालत करने वालों को सरेआम फांसी दी जानी चाहिए।

22 दिसंबर : लोगों का जिस तरह साथ मिल रहा है, वह ठीक है। मीडिया हमें बेवजह परेशान न करे।

पिता ने कहा :-

20 दिसंबर : बृहस्पतिवार दोपहर ढाई बजे आइसीयू वार्ड में बेटी से मिले और करीब दस मिनट तक इशारों-इशारोंमें बात हुई। वह पेपर पर अंग्रेजी में लिखकर अपने मन की बात बताती लेकिन मेरी अंग्रेजी इतनी अच्छी नहीं है जो मैं उसकी हर बात समझ पाता।

डॉक्टरों ने कहा :-

19 दिसंबर : दुष्कर्म की घटनाओं में सामान्यतया इस तरह के जख्म नहीं होते। अब तक के कैरियर में मैंने दुष्कर्म की शिकार कई मरीजों का इलाज किया है लेकिन पीड़ित की इस तरह की यौन इंजरी आज से पहले नहीं देखी : डॉ. अरुणा बत्रा

20 दिसंबर : उसे अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद दो बार सर्जरी की जा चुकी है। दूसरी सर्जरी बुधवार को हुई थी। इसमें छोटी आंत के शेष हिस्से में संक्रमण के कारण उसे हटा दिया गया। इस वजह से युवती की पूरी आंत निकाली जा चुकी है : डॉ. बीडी अथानी

22 दिसंबर : मानसिक तौर पर वह काफी मजबूत है। उसके चेहरे पर निराशा नहीं झलक रही है : डॉ. कुलदीप

रह गए दिलासे, चली गई ‘वह’

-सोनिया ने कहा, उसे न्याय मिलेगा, उसका संघर्ष व्यर्थ नहीं जाएगा

-प्रधानमंत्री ने कहा, दुख की इस बेला में युवती के परिवार व दोस्तों के साथ हूं, मौत को बेकार नहीं जानें देंगे।

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