बैंकों, फाइनेंसरों से एक अरब की ठगी

ग्रेटर कैलाश थाना पुलिस ने 100 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी के आरोप में एक प्रॉपर्टी डीलर को गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम अजित अग्रवाल है। उसने आठ बैंकों, करीब इतने ही फाइनेंसरों व अन्य लोगों को 100 करोड़ से अधिक का चूना लगाया है।

इसका खुलासा तब हुआ जब करोड़ों का कर्ज हो जाने पर वह घर छोड़कर भाग गया और पत्नी ने गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने जब आरोपी को ढूंढ़ निकाला तो पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह कर्ज के कारण घर छोड़कर भागा था। इतना ही नहीं, उसने ग्रेटर कैलाश के एक फ्लैट को तीन लोगों को बेचा था। पुलिस उसे छह दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है।

एडिशनल पुलिस कमिश्नर, दक्षिण-पूर्वी जिला अजय चौधरी के मुताबिक अजित अग्रवाल, सी ब्लॉक, ग्रेटर कैलाश का रहने वाला है। उसने वर्ष 2008 में पहले कुछ बैंकों से लोन लेकर प्रॉपर्टी का कारोबार शुरू किया। कारोबार में घाटा होने पर उसने निजी फाइनेंसरों से अधिक ब्याज पर लोन लेना शुरू किया। इसके बाद हालात ऐसे हो गए कि उस पर बैंकों व प्राइवेट फाइनेंसरों का ब्याज ही करोड़ों रुपये हो गया। कई सालों तक तो वह लोन लेकर केवल ब्याज ही चुकाने का काम करता रहा। फिर भी स्थिति नहीं सुधरी। कुछ साल पहले उसने आर ब्लाक ग्रेटर कैलाश, पार्ट एक स्थित एक फ्लैट को इंडिया बुल्स के पास भी गिरवी रख कर लाखों रुपये लोन लिया था। लोन लेने के बाद अजित ने उस फ्लैट का रविंदर झारी से तीन लाख 51 हजार में सौदा तय कर दो लाख रुपये एडवांस लिया। कुछ दिनों बाद उस फ्लैट को उसने दो अन्य लोगों से भी 4-4 लाख में सौदा कर बेच दिया था। उनसे भी अजित ने लाखों रुपये एडवांस ले लिया था। लेकिन तीनों में से किसी से भी वह न तो बाकी रकम ले रहा था और न ही रजिस्ट्री कर रहा था।

कर्ज का बोझ जब असहनीय हो गया तो 10 जनवरी को वह मोबाइल बंद कर अचानक घर छोड़कर गायब हो गया। रात में घर नहीं आने पर पत्नी माधुरी ने ग्रेटर कैलाश थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। थानाध्यक्ष राजीव कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद 24 जनवरी को अजित को ढूंढ़ निकाला। उसे हिरासत में लेकर जब पूछताछ की गई तब उसने कर्ज से परेशान होकर घर से भागने की बात कबूली। रविंदर झारी की शिकायत पर पुलिस ने अजित के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।

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