कर्नाटक में संकट, 13 विधायकों ने दिया इस्तीफा

नेतृत्व के संकट से जूझ रही बीजेपी कर्नाटक में एक बार फिर मुश्किल में घिर गई है। यहां चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच येद्दयुरप्पा समर्थक पार्टी के 13 विधायकों ने स्पीकर से मुलाकात कर उन्हें इस्तीफा सौंप दिया है।

एक तरफ कांग्रेस बहुमत साबित करने का दबाव भाजपा पर बना रही है तो दूसरी तरफ इन बागी विधायकों को अयोग्य करार देने की मांग भाजपा की तरफ से की जा रही है। भाजपा के बागी बीएस येद्दयुरप्पा के साथ भाजपा के 13 विधायक जाने के बावजूद पार्टी को भरोसा है कि उसकी सरकार फिलहाल नहीं गिरेगी। पलटवार का रुख अपनाते हुए कर्नाटक में बागी विधायकों की सदस्यता रद कराने के लिए भाजपा विधानसभा अध्यक्ष के दफ्तर में आवेदन दिया गया है।

विधायक बेलुरु गोपालकृष्ण व एमवी नागराजु के हस्ताक्षर वाले इस आवेदन में येद्दयुरप्पा समर्थक विधायकों की पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता और येद्दयुरप्पा के दबाव में सरकार गिराने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए उन्हें अयोग्य करार देने की मांग की गई है। विस अध्यक्ष केजी बोपैया की अनुपस्थिति में विस के सचिव पी ओमप्रकाश को इस दावे के समर्थन में एक सीडी और दस्तावेज भी सौंपे गए हैं।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने सोमवार सुबह 8 बजे राजनाथ सिंह से भेंटकर उन्हें बधाई देने के साथ कर्नाटक पर पूरी रिपोर्ट भी दी। भाजपा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद शेट्टार ने कहा कि अभी किसी विधायक ने इस्तीफा नहीं दिया है, इसलिए हमें इंतजार करना होगा कि क्या हो रहा है? देखते हैं क्या होता है? भाजपा अध्यक्ष से विमर्श के सवाल पर शेट्टार का कहना था कि यह शिष्टाचार भेंट थी और वह कर्नाटक के लिए नए नेता की शुभकामनाएं लेने आए थे। राजनाथ ने भी दावा किया कि कर्नाटक में कोई संकट नहीं है और वहां पर भाजपा सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। यह पूछने पर कि क्या उन्होंने मुख्यमंत्री को कोई सुझाव दिया?

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि शेट्टार को सुझाव देने की जरूरत नहीं है। वह बेहद तीक्ष्ण बुद्धि और आत्मविश्वास वाले मुख्यमंत्री हैं। भाजपा का आत्मविश्वास कर्नाटक के राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने भी शेट्टार सरकार को खतरा न होने की बात कहकर बढ़ा दिया था। दरअसल, येद्दयुरप्पा के वफादार 13 विधायक विधानसभा की सदस्यता से अपने इस्तीफे सौंपने को विस अध्यक्ष केजी बोपैय्या से मिलने गए थे। बोपैय्या से भेंट न हो पाने के बाद उन्होंने इस्तीफे की प्रतियां राज्यपाल को सौंपी थीं।

इसके बावजूद अभी विधानसभा का अंकगणित शेट्टार सरकार के पक्ष में है। 225 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में भाजपा के 118 सदस्य हैं। उसे साधारण बहुमत को 113 की जरूरत है। कांग्रेस के 71 और जनता दल-एस के 26 सदस्य हैं। सदन में 7 निर्दलीय व 2 पद रिक्त हैं और 1 नामित सदस्य है। भाजपा ने इन 13 विधायकों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए सदन की सदस्यता से अयोग्य करार दिए जाने के लिए याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया है। यदि इनकी सदस्यता रद की जाए तो सदन की संख्या 213 होगी और भाजपा को बहुमत के लिए 107 चाहिए। फिलहाल के गणित में उसके 109 विधायक हैं।

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