करोड़ों के लेन-देन में उठे मायावती के भाई पर सवाल

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के करोड़ों के बिजनेस पर अब सवाल उठने लगे हैं। जानकारी के मुताबिक उनकी कंपनियों ने करीब 760 करोड़ रुपए के नगद लेन-देन किया है। यह रकम उन्होंने कहां से और कैसे अर्जित की, इस पर अब सवाल उठ रहे हैं। इसमें डीएलएफ और यूनिटेक जैसी बड़ी कंपनियों का भी नाम सामने आ रहा है। हालांकि डीएलएफ ने इस बिजनेस को सामान्य करार दिया है। डीएलएफ के मुताबिक यह बिजनेस पूरी तरह से पाक-साफ है और इसके एवज में कोई गैरकानूनी फायदा नहीं लिया गया।

रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को फाइल किए गए दस्तावेजों के मुताबिक आनंद की सात में से एक कंपनी को यदि छोड़ दिया जाए तो अन्य कंपनियां 2007 में बहुजन समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मायावती के मुख्यमंत्री बनने के बाद बनाई गई थीं।

विभिन्न कंपनियों को लेकर आनंद पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने मायावती के रसूख का इस्तेमाल किया। जानकारी के मुताबिक कुमार की कंपनियों में ज्यादातर पैसा भारी प्रीमियम पर शेयर इशू करने, थर्ड पार्टीज द्वारा कंपनियों को दिए गए अडवांस को जब्त करने, अनडिस्क्लोज्ड इनवेस्टमेंट्स की बिक्री और डिविडेंड के रूप में आया है।

हालांकि इनमें से कुछ पर कर जरूर चुकाया गया है। लेकिन इस पैसे को जुटाए जाने को लेकर आनंद की तरफ से कुछ नहीं किया गया है।

आनंद कुमार की सबसे पुरानी 1987 में बनी कंपनी होटल लाइब्रेरी क्लब प्राइवेट लिमिटेड को ही पिछले पांच साल में 346 करोड़ रुपये मिले हैं। यह रकम कंपनी को निवेश की बिक्री से मिला है लेकिन न तो ये साफ है कि ये निवेश क्या था और किसे बेचा गया। इन सातों कंपनियों के डायरेक्टर आनंद कुमार हैं।

गौरतलब है कि आनंद कुमार मायावती के सत्ता में आने से पहले नोएडा ऑथरिटी में क्लर्क थे। लेकिन मायावती के सत्ता में आने के बाद उन्होंने लगातार बेतहाशा संपत्ति अर्जित की है।

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