ठाणे हादसा: अब तक 72 लोगों की गई जान, राहत कार्य जारी

72-dead-in-thane-building-collapseठाणे। मुंबई से सटे ठाणे जिले में गुरुवार शाम ढही अवैध बहुमंजिला इमारत के मलबे में दब कर 72 लोग काल का ग्रास बन गए और सत्तर के करीब घायल हो गए। कई शवों के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका है। नींद से जागे प्रशासन ने महानगर पालिका के उपायुक्त और एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी समेत तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।

वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण ने शुक्रवार को सदन को बताया कि घटना की अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर की जांच कराने के आदेश दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में जिस किसी की भी लापरवाही सामने आएगी वह दंडित किया जाएगा।

ठाणे के पुलिस आयुक्त केपी रघुवंशी ने बताया कि बिल्डर सलिल और खलील जामदार के खिलाफ धारा 304 (गैर इरादन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इनमें से एक बिल्डर को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।

लकी कंपाउंड में स्थित यह बहुमंजिला इमारत सिर्फ ढाई माह में तैयार की गई थी। आठवीं मंजिल पर दीवारें खड़ी कर स्लैब डालने का काम चल ही रहा था कि इमारत ढह गई। यह हादसा उस धुआंधार अवैध निर्माण का नतीजा है, जिसे भूमाफिया-बिल्डर गठजोड़ मिलकर कराता है। गत दो दशक में मुंबई के इर्दगिर्द प्रशासन की आंखों में धूल झोंक ऐसी दर्जनों इमारतें खड़ी कई गई हैं।

ठाणे जिले के मुंब्रा उपनगर की आबादी दो दशक पहले 50 हजार से भी कम थी, जो आज 10 लाख से भी ज्यादा है। आबादी में वृद्धि होने से अवैध इमारतें भी बेहिसाब बढ़ी। ऐसी ही एक आठ मंजिला इमारत में कल हादसा हो गया। बताया जाता है कि दलदली जमीन पर सिर्फ कुछ फीट की नींव खोदकर यह इमारत खड़ी की जा रही थी, जबकि ऐसे बहुमंजिला निर्माण के लिए कम से कम 30 फीट गहरी नींव भरना जरूरी माना जाता है।

मुंब्रा में एक तरफ समुद्री खाड़ी तो दूसरी तरफ पहाड़ियां हैं। खारे पानी की दलदली जमीन पर इमारत निर्माण की अनुमति मिलना आसान नहीं होता है। लेकिन पालिका कर्मियों-अफसरों को भ्रष्टाचार में भागीदार बनाकर ऐसी इमारतें खड़ी कर दी जाती हैं।

राष्ट्रीय आपदा नियंत्रण बल के कमांडेंट आलोक अवस्थी ने कहा, न तो मैं कोई इंजीनियर हूं और न ही कोई बिल्डिंग विशेषज्ञ लेकिन इतना जरूर कह सकता हूं कि इस दुर्घटना के लिए प्रथमदृष्टया जिम्मेदार, इमारत में प्रयोग की जा रही घटिया सामग्री ही है।

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