‘चीट फंड घोटाला’: सवालों के घेरे में ममता सरकार

chit fund scam, sudipta senनई दिल्ली। चिट फंड कंपनी सारधा ग्रुप को लेकर अब ममता सरकार भी सवालों के घेरे में आ गई हैं। सेबी ने आरोप लगाया है कि उसने कंपनी में हो रही गड़बड़ियों का पूरा ब्यौरा एक चिट्ठी में लिखकर तीन महीने पहले ही पश्चिम बंगाल सरकार को आगाह कर दिया था, लेकिन सरकार ने इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की। इस मामले में निवेशकों को 17 हजार करोड़ रुपये का चूना लगने का अनुमान जताया जा रहा है। हालांकि राज्य सकरार ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं।

इस बीच, कंपनी के चेयरमैन सुदीप्तो सेन ने भी सीबीआई कौ सौंपी गई अपनी चिट्ठी में तृणमूल सरकार पर आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा कि तृणमूल कांग्रेस के दो कद्दावर नेता उन्हें पैसों के लिए ब्लैकमेल कर रहे थे और उनसे ये काम जबरदस्ती करवाया जा रहा था।

पश्चिम बंगाल, असम सहित कई पूर्वी राज्यों में हजारों निवेशकों करोड़ों का चूना लगाने वाले सुदीप्तो सेन को मंगलवार को जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार किया गया था। उनके साथ कंपनी के दो अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया गया है।

बंगाल सरकार पर निशाना साधते हुए सुदीप्तो सेन ने अपनी सफाई में सीबीआई को 18 पन्नों का एक पत्र सौंपा है। इस पत्र में सुदीप्तो ने इस मामले में तृणमूल के कई बड़े नेताओं का हाथ बताया है। सुदीप्तो ने साफ लिखा है कि उन्हें पैसों के लिए ब्लैकमेल किया जा रहा था।

सीबीआई ने ये पत्र कोलकाता के बिधाननगर पुलिस स्टेशन भेजा है। पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार ने बताया कि इस मामले से बंगाल के कई बड़े नेता जुड़े हुए हैं, यही नहीं उस खत में तृणमूल के दो बड़े नेताओं के नाम और असम के एक मंत्री का नाम भी शामिल हैं। इस खत में लगभग 22 लोगों के नाम है जो इस धोखेबाजी में शामिल हैं। सिर्फ राजनेता ही नहीं बल्कि कई व्यापारियों ने भी सेन को पैसों के लिए ब्लैकमेल किया था। सुदीप्तो ने लिखा कि उनसे ये काम जबरदस्ती कराया जा रहा था।

गौरतलब है कि बंगाल पुलिस से मिली सूचना के आधार पर कश्मीर पुलिस ने सुदीप्तो को उनके दो अधिकारियों के साथ जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग इलाके से गिरफ्तार किया था। उनके पास से बंगाल के नंबर वाली एक स्कोर्पियो गाड़ी भी बरामद की गई है। गांदरबल के पुलिस अधीक्षक शाहिद मेहराज ने यह जानकारी दी है। बंगाल के बिधाननगर क्षेत्र के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार ने भी गिरफ्तारी की पुष्टि की है।

माना जा रहा है कि सारधा ग्रुप ने करीब तीस हजार करोड़ रुपये की धनराशि का चूना लगाया है।

मामूली रिसेप्शनिस्ट से कंपनी में नंबर दो की पोजीशन हासिल करने वाली देवजानी मुखर्जी ने सुदीप्तो सेन के चिट फंड घोटाले में उसका पूरा साथ दिया। मगर वही ढाक के तीन पात। सुदीप्तो के साथ वह भी आज पुलिस की गिरफ्त में है। अब इन पर बाजार नियामक सेबी का शिकंजा कसना शुरू हो गया है। सेबी ने कंपनी को सभी ग्राहकों का पैसा लौटाने के आदेश दिए हैं और इसके साथ ही अपनी सभी स्कीम भी वापस लेने को कहा है।

जब चिट फंड घोटाले का राज सामने आया तो एक के बाद एक इस ऊंची उड़ान की भी कलई खुलनी शुरू हो गई। मंगलवार को श्रीनगर में हुई सुदीप्तो सेन और उसके सहयोगियों की गिरफ्तारी से काफी कुछ साफ होने की उम्मीद है। यह मामला पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए भी सिरदर्द बन गया है। ममता इस मामले में बैकफुट पर आ गई हैं। बंगाल पुलिस की टीम श्रीनगर पहुंच गई है। तीनों को बुधवार को कोर्ट में पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता लाया जाएगा।

जांच के निर्देश

इससे पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सारधा ग्रुप के चेयरमैन और अधिकारियों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था और प्रदेश सरकार ने घोटाले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे। प्रदेश के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी ने इस घोटाले के लिए पूर्व की वाम मोर्चा सरकार को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि वामो के कार्यकाल में शारदा ग्रुप और उस जैसी कई कंपनियों को लाइसेंस व सुविधाएं देकर गरीबों का पैसा हजम करने का मौका दिया गया।

महीनों पहले से की गई थी तैयारी

घोटाले की खबर फैलते ही बंगाल, गुवाहाटी में निवेशकों और संग्रह अभिकर्ताओं ने एकजुट होकर सारधा ग्रुप की अचल संपत्तियों, कृषि आधारित उद्योग और संबंधित मीडिया हाउस के दफ्तर पर हमले कर दिए। धुबड़ी जिले में ग्रुप द्वारा संचालित बिस्कुट फैक्ट्री में भी तोड़फोड़ की गई। पता चला कि ग्रुप की ओर से अंग्रेजी और बांग्ला भाषा में प्रकाशित दैनिक समाचार पत्रों के कर्मियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिल रहा था।

इसी प्रकार से जिन भवनों में ग्रुप के कार्यालय चल रहे थे उनके स्वामियों को कई महीने से किराया नहीं चुकाया जा रहा था। इससे पता चलता है कि निवेशकों का धन लेकर फरार होने की तैयारी कई महीने पहले से की जा रही थी।

केंद्र भी कराएगी जांच

केंद्र सरकार भी सक्रिय हो गई है। केंद्र के कार्पोरेट मंत्रालय ने बंगाल की 13 चिट फंड कंपनियों के खिलाफ जांच के निर्देश दिए हैं। बाजार नियामक बोर्ड (सेबी) व आयकर विभाग को चिट फंड कंपनियों के खिलाफ जांच करने का निर्देश दिया गया है। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार के निर्देश के बाद सेबी व आयकर विभाग जांच की तैयारी शुरू कर दी है।

खबर है कि केंद्र की ओर से निर्देश दिया गया है कि बंगाल में चल रही उक्त 13 चिट फंड कंपनियों की बारीकी से जांच की जाएगी और आम लोगों से कितनी राशि अब तक उठा चुकी हैं, किस दर से ब्याज देने का वादा किया है और अब तक रुपये लौटाए हैं या नहीं, इन सब बातों की जांच की जाएगी। इसके अलावा उक्त कंपनी ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के साथ-साथ अनुमति प्रदान करने वाली अन्य सरकारी विभागों से अनुमति ली है या नहीं, इस सबकी जांच भी की जाएगी। देर शाम सेबी ने शारदा ग्रुप को अपनी योजनाएं बंद करके निवेशकों को उनका धन लौटाने का निर्देश दिया।

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