खून से सने इस डंडे से उठेगा डीएसी हत्याकांड से पर्दा

dsp-murder-case-cbi-got-bloodied-stickप्रतापगढ़ । तिहरे हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआइ का शिकंजा अब जेल अफसरों पर कस सकता है। दरअसल, सीबीआइ जांच शुरू होने के बाद भी जेल में बंद राजा भैया के एक करीबी ने अपने दोस्त और बालू खनन माफिया से लंबी बातचीत की है।

हथिगवां क्षेत्र के बलीपुर में प्रधान नन्हें यादव व उनके भाई सुरेश यादव की हत्या की साजिश रचने के मामले में राजा भैया के एक करीबी का नाम घटना के दिन से ही उछल रहा था। इस समय वह जिला कारागार में बंद है। खास बात यह है कि राजा भैया के उस करीबी ने तिहरे हत्याकांड की जांच शुरू होने के बाद भी पुणे में रहने वाले अपने दोस्त और कौशाम्बी के पमिशरीरा डेढ़ावल के बालू खनन माफिया से बात की है।

इसका खुलासा सीडीआर निकालने के दौरान हुआ। सूत्रों की मानें तो सीबीआइ ने मोबाइल पर हुई बातचीत को रिकार्ड कर लिया है। इस मामले को लेकर सीबीआइ कभी भी जेल के अफसरों और बालू खनन माफिया से पूछताछ कर सकती है। हालांकि जेल अफसर किसी भी बंदी के पास मोबाइल होने की बात से इन्कार करते हैं। जेल अधीक्षक विजय सिंह का कहना है कि जेल में किसी के पास भी मोबाइल नहीं है।

सीबीआइ को मिला सीओ के खून से सना डंडा

रिमांड पर लिए गए आरोपियों की निशानदेही पर सीओ जियाउल हक के खून से सना डंडा रविवार को सीबीआइ टीम ने बलीपुर गांव से बरामद कर लिया। सीबीआइ ने 23 अप्रैल को गांव के छोटेलाल यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन, मुन्ना पटेल, राम आसरे, शिवराम पासी व बुल्ले पाल को सीओ पर लाठी-डंडे से हमला करने में गिरफ्तार किया था। सभी को लखनऊ स्थित सीबीआइ न्यायालय में पेशी कराने के बाद जांच एजेंसी इन्हें पांच दिन के रिमांड पर कैंप कार्यालय कुंडा ले आई थी। रिमांड के तीसरे दिन सीबीआइ ने आरोपियों से एक-एक कर पूछताछ की तो तीन आरोपियों ने बताया कि सीओ पर हमले के दौरान इस्तेमाल किया गया डंडा अभी भी घर में मौजूद है। इसके बाद सीबीआइ टीम राम आसरे, बुल्ले पाल व मुन्ना पटेल को लेकर बलीपुर गांव पहुंची।

टीम ने तीनों की निशानदेही पर खून से सना डंडा बरामद कर लिया। इस दौरान पूरे गांव में हड़कंप मचा रहा। सीबीआइ टीम आरोपियों की मार्फत वह सभी साक्ष्य जुटा लेना चाहती है जिनके कनेक्शन घटना से जुड़े हैं। माना जा रहा है कि सीबीआइ अभी कुछ और ग्रामीणों की गिरफ्तारी कर सकती है।

कामता के परिवार पर सीबीआइ की नजर

बलीपुर प्रधान नन्हें प्रधान की हत्या के आरोपी कामता पाल के परिजनों की हरकतों पर सीबीआइ की नजर है। टीम ऐसे लोगों को तलाशने में लगी हुई है, जो उनको उकसाने में लगे हैं। दरअसल, घटना के बाद पूरा परिवार घर छोड़कर भाग गया था और प्रधान के समर्थकों द्वारा पूरा घर आग के हवाले कर दिया गया था। घटना के दस दिन बाद उसकी पत्नी जगन्नाथी घर लौट आई और कुछ दिनों बाद अग्निकांड आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर अनशन पर बैठ गई। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। इसके बाद 23 अप्रैल को फिर जगन्नाथी बहुओं व नातिनों के साथ अनशन पर बैठ गई। बार-बार अनशन पर बैठने को लेकर सीबीआइ व पुलिस को शक हो गया। अब उन लोगों की तलाश शुरू कर दी गई है जिनके बरगलाने पर आरोपी कामता पाल के परिजन बार-बार अनशन का सहारा लेकर प्रशासन व शासन को ब्लैकमेल करने का प्रयास कर रहे हैं।

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