सरबजीत के गांव में पसरा मातम, फूंका पाक झंडा

pak flag fire todayअमृतसर। लाहौर के अस्पताल में सरबजीत की मौत होने की सूचना मिलने के बाद बृहस्पतिवार को सरबजीत का गृहनगर भीखीविंड (पंजाब) शोक में डूब गया। सरबजीत की मौत की सूचना मिलने के बाद सुबह से ही शहर के सभी प्रतिष्ठान बंद कर दिए गए। लोग सड़कों पर उतर आए और उन्होंने पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए। गुस्साए लोगों ने पाकिस्तानी झंडा फूंक कर अपना विरोध जताया।

विरोध प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सरबजीत की हत्या के पीछे पाक सरकार का हाथ है। सरबजीत को बेहतर इलाज के लिए किसी अन्य देश में न भेजने पर उन्होंने पाकिस्तानी अधिकारियों को आड़े हाथों लिया।

बीते 26 अप्रैल को लाहौर की कोट लखपत जेल में सरबजीत पर हुए जानलेवा हमले के बाद गंभीर हालत में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पिछले साल जून महीने में पाकिस्तान सरकार द्वारा सरबजीत को रिहा किए जाने के फैसले की सूचना मिलने पर उसके गृहनगर में मिठाइयां बांटी गई थीं, पटाखे जलाए गए और खुशियां मनाई गई, लेकिन बाद में पता चला कि सरबजीत को रिहा करने की सूचना गलत थी। सरबजीत के घर के बाहर एकत्र हुए लोगों में से कृपाल सिंह ने कहा, हम आशा कर रहे थे कि कोई चमत्कार होगा और सरबजीत ठीक हो जाएगा। पाकिस्तान ने जो किया वह उसकी कायरता है। सरबजीत ने 23 साल तक उनकी जेल में सजा काटी और अब उनकी हत्या कर दी गई। सरबजीत के परिवार के दिल्ली में होने के कारण उसके घर पर भी सन्नाटा पसरा हुआ है।

एक शहरी अमृत कौर ने कहा, शहर के लोग सरबजीत के लिए दुआ कर रहे थे और उन्हें आशा थी कि एक दिन वह उनके बीच लौट कर आएगा। पाकिस्तान सरकार ने साजिश करके उसकी हत्या कर दी। पाकिस्तान की अदालत द्वारा लगभग 23 साल पहले लाहौर और मुल्तान में हुए बम विस्फोटों में दोषी ठहराए जाने के बाद सरबजीत को मौत की सजा सुनाई गई थी। सरबजीत के परिवार ने उनके निर्दोष होने का दावा करते हुए कहा था कि वह नशे की हालत में पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गया था।

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