अमित शाह के कंधों पर उप्र की कमान!

amit shahनई दिल्ली । सत्ता तक पहुंचने के लिए भाजपा उत्तर प्रदेश से आस लगाए बैठी है और इसके लिए भरोसा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खासमखास अमित शाह पर है। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह की टीम में संभवत: महासचिव शाह ही उत्तर प्रदेश की कमान संभालेंगे। जबकि चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ का जेपी नड्डा तो दिल्ली का जिम्मा राधामोहन सिंह के पास हो सकता है। नाम कुछ और भी चर्चा में हैं लेकिन यह तय है कि दिल्ली का कामकाज बिहार या पूर्वाचल के ही किसी नेता के हाथ में होगा। इस पूरी कवायद में मीडिया प्रकोष्ठ की जिम्मेदारी वर्तमान प्रभारी श्रीकांत शर्मा के पास ही रहेगी।

टीम गठन के करीब एक महीने बाद राजनाथ ने उनके लिए कामकाज भी तय कर दिए हैं। शनिवार को दिन भर चलती रही बैठकों के बाद राजनाथ ने अपने गृहराज्य उत्तर प्रदेश की देखरेख का जिम्मा अमित शाह को देने का फैसला किया है। दरअसल शाह जहां अपने चुनावी प्रबंधन के लिए जाने जाते हैं, वहीं उनका खुद का उत्तर प्रदेश में कोई व्यक्तिगत हित नहीं है। चुनावी प्रबंधन से जुड़े दूसरे मुद्दों के लिहाज से भी उनका नाम संभवत: सबसे सटीक माना गया।

दूसरी बार केंद्रीय टीम में आए नड्डा को चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ का जिम्मा दिया गया है तो पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश का प्रभार संभवत: अनंत कुमार को दिया जाए। देर शाम तक मध्य प्रदेश के लिए उनका ही नाम तय था। सूत्रों के अनुसार संघ पृष्ठभूमि के मुरलीधर राव को गैर हिंदी प्रदेश कर्नाटक दिया जा सकता है। जबकि महासचिव वरुण गांधी को दक्षिण का राज्य तमिलनाडु मिल सकता है। वैसे उनके लिए उत्तर पूर्व के राज्यों पर भी विचार हुआ। अगर वह दक्षिण में सिमटे तो उत्तर पूर्व और असम उपाध्यक्ष एसएस अहलूवालिया को मिल सकता है। राजनाथ के करीबी माने जाने वाले राजीव प्रताप रूढी को महत्वपूर्ण राज्य दिया जाएगा जबकि पिछली बार तीन अहम राज्यों का जिम्मा संभाल रहे धर्मेद्र प्रधान को उत्तर भारत का कोई मध्यम राज्य दिया जा सकता है।

टीम गठन के समय बड़ी जिम्मेदारी की आशा पाले बैठे रमापति राम त्रिपाठी का कद प्रभार के मामले में बढ़ सकता है। नवंबर में चुनाव में जा रहे राजस्थान के बाबत देर रात तक कोई फैसला नहीं हो सका था। जबकि दिल्ली के लिए एक नाम तय नहीं हो पाया था। वैसे रेस में राधामोहन सिंह का नाम सबसे आगे था। संघ के दबाव में राजनाथ की टीम में आए प्रभात झा को कोई बड़ा तो नहीं लेकिन भविष्य के लिहाज से महत्वपूर्ण राज्य दिया जा सकता है।

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