कोयला घोटाले की गुमशुदा फाइलों में कांग्रेसी नेताओं के नाम: सुषमा

sushma swarajनई दिल्ली। कोयला घोटाले से संबंधित फाइलों की गुमशुदगी को लेकर विपक्ष ने आज कांग्रेस पर जमकर हल्ला बोला। मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने इस मामले पर प्रधानमंत्री से सफाई मांगते हुए कहा कि जो फाइलें गायब हुईं हैं उनमें कई कांग्रेसी नेताओं के नाम हैं।विपक्ष ने पीएम को सवालों के घेरे में लेते हुए पुछा कि इतनी जरूरी फाइलें कैसे और कब खो गई और मंत्रालय को इसकी भनक तक नहीं पड़ी। कोयला मंत्रालय कोल घोटाले संबंधित फाइलों को गायब करके प्रधानमंत्री और कई आला अधिकारियों को बचाने की साजिश रच रहा है। भाजपा नेता ने कहा कि कुल 147 फाइलें गायब हुई हैं। कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जयसवाल ने जब इस मामले पर अपनी सफाई पेश करने की कोशिश की तो उन्हें चुप करा दिया गया। इसे लेकर दोनों सदन में जमकर हंगामा हुआ।

इससे पहले तेलंगाना मुद्दे को लेकर राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित की गई थी।गौरतलब है कि सोमवार को भी राज्यसभा में इस मुद्दे को लेकर जबरदस्त बहस छिड़ी और हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया। भाजपा ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि मंत्रालय उन्हें और कई बड़े अधिकारी को इस मामले में बचाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन मंत्रालय के इस रवैये से नाराज सीबीआइ निदेशक रंजीत सिन्हा ने साफ कर दिया कि वह 27 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट को इसकी शिकायत करेंगे और इस मामले की पुख्ता जांच कराएंगे।सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन फाइलों के ना मिलने के कारण कोयला घोटाले में दर्ज 13 एफआइआर की जांच रुक गई है। सभी मामलों में जांच एजेंसी को कंपनियों के फर्जीवाड़े से संबंधित फाइलें तो मिल गई हैं,लेकिन फर्जी दस्तावेजों को नजरअंदाज कर कंपनियों को कोयला ब्लॉकों का आवंटन करने वाले अधिकारियों की पहचान नहीं हो पा रही है।

इससे घोटाले में शामिल वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचना संभव नहीं हो पा रहा है। शनिवार को पहली बार कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कुछ फाइलों के गुम होने की बात स्वीकारी, लेकिन मंत्रालय की ओर से सीबीआइ को इस संबंध में कुछ नहीं बताया गया है।मंत्रालय ने जांच एजेंसी को अनौपचारिक रूप से बताया है कि संबंधित राज्यों व विभागों से हुए पत्रचार की प्रति मंगाकर कुछ फाइलें बनाने की कोशिश की जा रही है। सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि सिर्फ पत्रचार से आरोपी अधिकारी की पहचान नहीं हो सकेगी। इसके लिए यह देखना जरूरी है कि किस अधिकारी ने फाइल पर क्या लिखा था। कोयला घोटाले की फाइल कानून मंत्री और उच्च अधिकारियों को दिखाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की फटकार सुन चुकी सीबीआइ के निदेशक रंजीत सिन्हा इस बार पहले ही सतर्क हो गए हैं।जांच एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन फाइलों के गुम होने की बाकायदा जांच होनी चाहिए। उन्होंने आशंका जताई कि घोटाले में शामिल बड़े अफसरों को बचाने के लिए इन फाइलों को नष्ट कर दिया गया है। सीबीआइ के अनुसार पिछले तीन साल के दौरान फाइलें गायब करने की साजिश शुरू हुई है। सबसे पहले राष्ट्रमंडल खेल घोटाले से संबंधित तीन फाइलें गायब कर दी गईं।इस कारण सीबीआइ की प्रारंभिक जांच बीच में ही बंद करनी पड़ी। इसी तरह आदर्श घोटाले से संबंधित दो फाइलें आज तक जांच एजेंसी को नहीं मिल पाई हैं।

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