भाजपा इस समय जहां नरेन्द्र मोदी को पार्टी का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने को लेकर दुविधा में पड़ी हुई है, वहीं गुजरात के मुख्यमंत्री ने आज कहा कि वह इस शीर्ष पद के सपने नहीं देख रहे हैं और 2017 तक राज्य की सेवा के लिए मिले जनादेश का सम्मान करेंगे। मोदी ने कहा, ‘‘मैंने इस तरह के सपने कभी नहीं देखें (प्रधानमंत्री बनने के), ना ही मैं इस तरह का सपना देखने जा रहा हूं। गुजरात की जनता ने मुझे 2017 तक अपनी सेवा करने का जनादेश दिया है और मुझे यह पूरी ताकत के साथ करना है।’’
उनकी टिप्पणी खासा मायने रखती है क्योंकि उन्हें औपचारिक तौर पर प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने में हो रही देरी को लेकर इसे उनकी नाखुशी के प्रदर्शन के तौर पर देखा जा सकता है। भाजपा के चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख मोदी ने छात्रों के साथ मुलाकात के दौरान कहा, ‘‘जो ‘कुछ’ बनने का सपना देखते हैं वे अंत में खुद को तबाह कर लेते हैं। किसी को ‘कुछ बनने का सपना’ नहीं देखना चाहिए, बल्कि ‘कुछ करने का’ सपना देखना चाहिए।’’ मोदी एक छात्र के इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या वह प्रधानमंत्री बनने के बाद 2014 में उनसे बात करने आएंगे।
गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने कहा था कि पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के मुद्दे पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए क्योंकि ऐसा करना ‘हिट विकेट’ के समान होगा और आगामी आम चुनाव हारने का पार्टी के लिए एकमात्र संभावित कारण बन सकता है। राज्य सभा में विपक्ष के नेता जेटली ने कहा कि संसदीय चुनाव कभी कभी राष्ट्रपति चुनाव जैसे हो जाते हैं खासतौर पर उस वक्त जब नेता को काफी लोकप्रियता प्राप्त हो। ऐसा अटल बिहारी वाजपेयी, इंदिरा गांधी और जवाहर लाल नेहरू के समय हो चुका है। उन्होंने कहा कि जल्द ही भाजपा अपने नेता (प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार) की घोषणा कर देगी। जेटली ने कहा, ‘‘हमें हिट विकेट नहीं होना चाहिए। यह ऐसा परिदृश्य है जहां कोई भी गेंद डालकर आपको आउट नहीं कर सकता, बल्कि आप अपना विकेट खुद गंवाते हैं। यही एक मात्र रास्ता है जिससे होकर हम यह चुनाव गंवाने जा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि पार्टी को नेतृत्व के मुद्दे पर कोई ‘अनावश्यक विवाद’ नहीं पैदा करना चाहिए। http://visfot.com