आम आदमी पार्टी अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी

aam aadmi parti thumbदागी नेताओं की सदस्यता के मामले में किसी भी हद तक जाने के लिए उतारु यूपीए सरकार के सज़ायफ्ता सांसद-विधायकों के चुनाव लड़ने संबंधी अध्यादेष को जनहित याचिका (पीआईएल) के माध्यम से आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का निर्णय लिया है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केज़रीवाल ने ‘कंस्टिट्यूषन क्लब’ में आयोजित एक प्रेस वार्ता में ऐलान किया कि आम आदमी पार्टी ने इस निर्णय के खिलाफ राष्ट्रपति को पत्र लिख कर इस मुद्दे पर उनसे मिलने का समय मांगा तथा जब तक उनकी मुलाकात राष्ट्रपति से नहीं हो जाती तब तक इस अध्यादेष पर हस्ताक्षर न करने का अनुरोध किया है। यूपीए सरकार अपने इस कृत्य के माध्यम से भ्रष्टाचार के लिए नए  खोल रही है जिसे बर्दाष्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि राष्ट्रपति से मिलने के बाद भी इस अध्यादेष को पास कर दिया जाता है तो आम आदमी पार्टी इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल करेगी। केज़रीवाल ने कहा कि कांग्रेस बयानबाजी कर रही है कि इस अध्यादेष को लाने से पूर्व भाजपा नेताओं को विष्वास में लिया गया था यदि कांग्रेस नेताओं के इस बयान में सच्चाई है तो भाजपा अध्यादेष के विरोध का नाटक कर एक बार फिर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। अरविंद केज़रीवाल ने कहा कि यदि वास्तव में भाजपा इस अध्यादेष का विरोध करना चाहती है तो वह आम आदमी पार्टी की तर्ज पर किसी भी दागी को अगामी चुनावों में उम्मीदवार न घोषित कर अपने बयानों को स्पष्ट करें।

विदित हो कि संसद के जरिए दागी सांसदों को सुरक्षित करने में नाकाम रही यूपीए ने नई चाल चलते हुए इस अध्यादेष के माध्यम से अपने नापाक इरादे जगजाहिर कर दिए हैं। स्मरण रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई को फैसला दिया था कि दो साल की सज़ा काटने वाले सांसद व विधायक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य होंगे मगर सरकार का यह कदम अब सांसदों व विधायकों को न सिर्फ चुनाव लड़ने की आज़ादी देगा बल्कि संसद व विधानसभा में उनकी सदस्यता भी बनी रहेगी। संसद के मानसून सत्र में जनप्रतिनिधित्व कानून में संषोधन कराने में असफल रहने के बाद सरकार ने अध्यादेष का सहारा लिया है। इस फैसले के प्रति यूपीए की जल्दबादी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद रषीद मसूद व यूपीए के सहयोगी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को बचाने की कवायद का हिस्सा है। क्योंकि रषीद मसूद को अदालत द्वारा एमबीबीएस सीटों के आवंटन मामले में भ्रष्टाचार के लिए दोषी करार दिया गया है तथा 1 अक्टूबर को उन्हें इस मामले में
सज़ा सुनाई जानी है जबकि चारा घोटाले में लालू के खिलाफ संभावित फैसले से उनकी संसद सदस्यता भी खतरे में है। क्योंकि 30 सितंबर को चारा घोटाले के मामले में फैसला आने वाला है। विवादित अध्यादेष के मुताबिक निचली अदालत से सज़ा होने के 90 दिनों के अन्दर यदि ऊपरी अदालत मामले की सुनवाई की अपील स्वीकार कर लेती है तो ऐसी स्थिति में दागियों की सदस्यता बरकरार रहेगी।

आम आदमी पार्टी ऐलान करती है कि दागियों को चुनाव लड़वाने संबंधी इस अध्यादेष के खिलाफ अपनी लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाकर ही दम लेगी।

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