पुलिस को रखनी होगी अतिरिक्त सतर्कता

तेजवानी गिरधर
तेजवानी गिरधर
राजस्थान के शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी को पिछले दिनों धमकी भरा पत्र भेजने के मामले में अजमेर पुलिस त्वरित गति से कार्य कर रही है और उम्मीद है कि वह तह तक पहुंच ही जाएगी, मगर जिस तरह का मामला है, उसमें अजमेर की पृष्ठभूमि को ख्याल में रख कर अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है।
वस्तुत: तीर्थराज पुष्कर व दरगाह ख्वाजा साहब को अपने आंचल में समेटे हुए अजमेर नगरी यूं तो दुनिया भर में सांप्रदायिक सौहार्द्र के लिए जानी जाती है, और यहां है भी, मगर साथ ही यह उतनी संवेदनशील नगरी भी है। दोनों तीर्थ स्थलों में ड्रग माफिया के अतिरिक्त अंडर वल्र्ड के कनैक्शन रहे हैं, जो कई बार उजागर हो चुके हैं। इसी सिलसिले में दरगाह बम ब्लास्ट सबसे ज्वलंत उदाहरण है। केरल में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ताओं के साथ हो रही हिंसा के बाद अजमेर में राष्ट्रवादियों में जैसा रोष पिछले दिनों दिखाई दिया, उस पर भी गौर करना चाहिए। संघ के लिए अजमेर कितनी अहमियत रखता है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दिनों संघ की अति महत्वपूर्ण बैठक यहां हुई, जिसमें मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे व गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया तक ने हाजिरी दी।
जिले में धर्मांतरण की छिटपुट घटनाएं भी होती रहती हैं, जिनका विरोध भी होता है। चूंकि अकबर किला विवाद में भी शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने राष्ट्रवाद की दुहाई दी है, और उसी को मुद्दा बना कर उनको धमकी भरा पत्र मिला है, अत: पुलिस को यह समझना होगा कि अकेले पत्र लिखने वाले को पकड़ लेने मात्र से इतिश्री नहीं होगी। राष्ट्रवाद के नाम पर जिस प्रकार देवनानी ने बिंदास हो कर बयान दिया, वह आतंकवादियों के लिए चुनौती से कम नहीं है। ताजा मामले में अब तक जो खुलासा हुआ है, वह गौर करने लायक है। जिस तरन्नुम के नाम से देवनानी को धमकी भरा पत्र लिखा गया, उसे भी अज्ञात व्यक्ति ने दो पत्र लिखे हैं, जिसमें कट्टरपंथी बातों का जिक्र करते हुए उसको समुदाय विशेष के स्कूल में जाकर शिक्षा लेने की नसीहत दी गई है। यानि कि इसके पीछे महज एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचारधारा काम कर रही है। इस लिहाज से यह मामला दो विचारधाराओं के मुकाबले का लगता है। ऐसे में पुलिस को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
-तेजवानी गिरधर
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