बालिका हिंसा के विरूद्ध एवं बेटी जिन्दाबाद अभियान

IMG_0002जयपुर। एक्शनएड राजस्थान व राज्य में कार्यरत महिला संगठनों व स्वंयसेवी संस्थाओं के कार्यकर्त्ताओं द्वारा हर वर्ष की भांति इस वर्ष महिला हिंसा विरोधी पखवाड़ा आज अलबर्ट हाल में शुरू किया गया। दिल्ली में युवा पत्रकार के साथ तहलका के सम्पादक तरूण तेजपाल द्वारा किये गये महिलाओं के प्रति हिंसा की सभी सीमायें तोड़ने पर आक्रोश प्रकट किया गया। वक्ताओं का कहना था कि समाज के आदर्श व्यक्तियों द्वारा किये जा रहे शर्मनाक हादसों की बढ़ती संख्या चिन्ता का विषय है।
भारी संख्या में शहर के युवा व सामाजिक संगठनों के कार्यकर्त्ताओं ने एकजुट होकर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा की बढ़ती दर पर चिंता व्यक्त की कार्यक्रम की शुरुआत में एक्शनएड राजस्थान की क्षेत्रीय प्रबंधक सुश्री शबनम अजी़ज ने कार्यक्रम के उदद्श्यों की जानकारी देते हुए बताया कि महिला के प्रति ईमानदारी से नजरिया नहीं बदलना बड़ी चुनौती है।
‘‘बेटी जिन्दाबाद‘‘ अभियान के दौरान गिरते शिशु लिंगानुपात, कानूनों का खुले आम उल्लंघन एवं लिंग आधारित गर्भपात को रोकने सम्बन्धी पी.सी.पी.एन.डी.टी. अधिनियम के बेहद असंवेदनशील क्रियान्वयन की ओर बेटी बचाओ आन्दोल की संस्थापक डॉ. मीता सिंह ने ध्यान आकर्षित किया। एक्शन एड की राज्य समन्वयक शबनम अजीज ने बताया कि राज्य में आज भी कोई ऐसा जिला नहीं जहाँ लिंगानुपात हजार या उससे उपर हो, जबकि 2001 में डूंगरपुर एवं राजसमन्द में 1000 या अधिक था।
अल्बर्ट हाल में केंडिल मार्च के प्रारम्भ में प्लान इंडिया के राज्य समन्वयक राजीव नागपाल, राजस्थान बाल अधिकार साझा मंच के विजय गोयल, दूसरा दशक की दीपमाला, सोसायटी फॉर आल राउण्ड डवलपमेंट रेवदर के बृज मोहन, एक्शन एड के प्रेम, जिज्ञासा, सहित कई कार्यकर्ताओं ने सम्बोधित किया। हांलाकि इस वर्ष शहर में चुनावी सरगर्मियों के मदद्े नजर कार्यक्रम ज्यादा देर तक नहीं चलाया जा सका।
-कल्याण सिंह कोठारी
मीडिया सलाहकार

error: Content is protected !!