राजसमंद में नए खनन क्षेत्रों की खोज को दे गति

kiran 450जयपुर। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं विधायक किरण माहेश्वरी ने राजसमंद जिलें में नए खनन क्षेत्रों की खोज के बारे में राज्य सरकार का ध्यान तारांकित प्रश्न द्वारा आकर्षित किया। जिलें में तांबा, जस्ता, शीशा, चांदी, चुना पत्थर, ग्रेनाईट, संगमरमर, क्वार्टज, फेल्सफार आदि के नए भण्डार मिलने की अच्छी संभावनाएं हैं।
राज्य सरकार नें उत्तर में बताया कि राजसमंद जिले में भीम तहसील में 2 करोड़ टन सिमेन्ट श्रेणी का चुना पत्थर मिलने की संभावना है। देवगढ़ में ग्रेनाइट की खोज की गई है। रेलमगरा तहसील के ग्राम धूलखेड़ा एवं कोईपुरा में तांबा, सिसा, एवं जस्ते की खोज का कार्य चल रहा है। खनन राज्य के राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है। वर्ष 2013-14 में इससे राज्य को लगभग 10000 करोड़ का राजस्व मिलने का अनुमान है।
किरण नें जिलें में मार्बल मण्डी के विकास और खनन क्षेत्रों में संरचना विकास के कार्यों को प्राथमिकता देनें की मांग की। नए खनन क्षेत्रों की खोज और खनन आधारित उद्योगों की स्थापना को भी गति देने की सरकार से मांग की।
बजरी खनन में न्यायालय के निर्देशों की पालना
किरण नें अतारांकित प्रश्न के माध्यम से राजस्थान में बजरी खनन कि स्थिति के बारें में सूचना मांगी। राज्य सरकार नें बताया कि पूर्व में बजरी खनन का कार्य ठेकों के माध्यम से करवाया जाता था। सर्वाेच्च न्यायालय के निर्देशों की अनुपालना में बजरी खनन का कार्य नियमित पट्टाधारकों के माध्यम से ही करवाया जाएगा। पट्टा जारी होने तक 80 आशयपत्र धारकों को 28 फरवरी 2014 तक खनन की अनुमति दी गई है। पट्टा जारी करने के पूर्व संबंधित व्यक्तियों को पर्यावरण अनुमति लेनी होगी।
राज्य सरकार नें बताया कि राजस्थान में बजरी का वार्षिक उत्पादन 7 करोड़ टन है और इससे 150 करोड़ रुपयों का राजस्व मिलता है। किरण नें खनन मंत्री से बजरी खनन में आई रही बाधाओं को दूर करने, इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करने और खनन कार्य माफिया समूहों के हाथों में नहीं चला जाए, इसका ध्यान रखने का आग्रह किया। खनन पट्टों पंचायत क्षेत्र के आधार पर जारी किए जाएं एवं स्थानीय व्यक्तियों को प्राथमिकता मिलें।

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