देय वेतन तथा भत्ते ब्याज सहित अदा करने के आदेश

jaipur newsजयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर ने अप्रार्थी संस्था प्रबन्ध समिति भगवानी बाई सेखसरिया बाल मंदिर, नवलगढ को आदेश दिया कि वह  प्रार्थीया को सेवाकाल के दौरान समान पदो पर राज्य सरकार के अन्तर्गत कार्यरत कर्मचारियों को देय वेतन तथा भत्ते अदा करने के आदेश दिये। उल्लेखनीय है कि प्रार्थीया श्रीमती मृदुला सिंह अध्यापक तृतीय ग्रेड के पद पर दिनांक 16-7-2002 को अप्रार्थी संस्था में नियुक्त हुई। जिसने दिनांक 16-5-2007 तक कार्य किया तत्पश्चात् अवकाश समाप्त होने पर जब उसने कार्य करने के प्रयास किये तो अप्रार्थी संस्था ने उसे कार्य नहीं करने दिया। अप्रार्थी संस्था 90 प्रतिशत से अधिक अनुदान की राशि प्राप्त कर रही है। प्रार्थीया ने अप्रार्थी संस्था से अभ्यावेदन देकर समान पद पर कार्यरत कर्मचारियों को देय वेतन तथा भत्ते देने का निवेदन किया परन्तु अप्रार्थी संस्था ने प्रार्थीया को उक्त लाभ प्रदान नहीं किये। तब प्रार्थीया ने अपने वकील डी पी शर्मा के माध्यम से अधिकरण के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर उक्त लाभ प्रदान करने का निवेदन किया। प्रार्थीया के अधिवक्ता का तर्क था कि अप्रार्थी संस्था राज्य सरकार से 90 प्रतिशत अनुदान की राशि प्राप्त करती रही है इसलिए जितने समय तक प्रार्थीया ने अप्रार्थी संस्था में सेवायें दी थी वह समान पदो पर राज्य सरकार के अधीनस्थ कार्यरत कर्मचारियो के अनुसार वेतन तथा भत्ते प्राप्त करने की अधिकारी थी। प्रार्थीया के अधिवक्ता का यह भी तर्क था कि राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम 1989 की धारा 2 (झ) में कर्मचारी को परिभाषित करते हुए बताया गया है कि मान्यता प्राप्त संस्था में काम करने वाला कोई अध्यापक और प्रत्येक अन्य कर्मचारी इसमें सम्मिलित रहेगा जिसे अधिनियम 1989 की धारा 29 तथा नियम 1993 के नियम 34 में किये गये प्रावधानों के अनुसार समान पदो पर सरकारी शैक्षिक संस्था में कार्यरत उसी प्रवर्ग के कर्मचारियों के समान वेतन तथा भत्ते देय होंगे। मामले की सुनवाई के पश्चात् अधिकरण ने प्रार्थीया का आवेदन स्वीकार करते हुए अप्रार्थी संस्था को आदेश दिया कि वह प्रार्थीया को सेवाकाल के दौरान समान पदो पर राज्य सरकार के अर्न्तगत कार्यरत कर्मचारियों को देय वेतन तथा भत्ते बकाया होने की दिनांक से भुगतान किये जाने की दिनांक तक ब्याज सहित अदा करे व अप्रार्थी आयुक्त, प्रारम्भिक शिक्षा, राजस्थान, बीकानेर को निर्देशित किया कि वह निर्णय की पालना अप्रार्थी संस्था से कराया जाना सुनिश्चित करे।

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