अशोक गहलोत ने दी वसुंधरा को बहस की चुनौती

Ashok Gehlotजयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि विशेषाधिकार के हनन का मामला उनके खिलाफ तो नहीं मगर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ जरूर बनता है क्योंकि उन्होंने अपने बजट भाषण में गलतबयानी की है। चूंकि उनके पास भारी बहुमत है इस कारण जनता में भ्रम पैदा करने का असफल प्रयास किया जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा द्वारा जारी एक बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि बोलने की जहां तक बात है तो मेट्रो एवं रिफाइनरी को लेकर कभी भी वे मुख्यमंत्री के साथ सदन या सदन से बाहर किसी भी सार्वजनिक मंच पर वन-टू-वन खुली बहस करने को तैयार हैं। गहलोत ने कहा कि यह नहीं भूलना चाहिए कि एच.पी.सी.एल. केन्द्र सरकार के नव रत्नों में से एक है फिर भी राज्य सरकार भ्रामक प्रचार करके इसे बेवजह डिले करने में लगी है।
गहलोत ने कहा कि बीकानेर में एक मंत्री के जेल में जाकर मिलने का जहां तक संबंध है, उन्होंने अपनी सूचना के आधार पर यह बात कही है। अब सरकार या तो इसका खण्डन करे या सच्चाई उजागर करे।
गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में रिफाइनरी को लेकर राज्य की जनता से झूठ बोला है जिसमें उन्होंने कहा है कि जमीन भी हमारी, पैसा भी हमारा, प्राकृतिक संसाधन भी हमारे परंतु स्वामित्व हमारा नहीं (बजट भाषण, बिन्दु संख्या 102)। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को जानकारी होनी चाहिए कि पूरे देश में तेल एवं गैस का संविधान (Shedule seventh, list 1, entry no. 53) के अंतर्गत अधिकार केन्द्र सरकार का है न कि राज्य सरकार का। राज्य सरकारें तो राॅयल्टी और टैक्स ही प्राप्त करने की हकदार हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता को लगातार गुमराह कर रही है। भारी बहुमत के बावजूद आठ माह से आज तक केबिनेट तक नहीं बना पाई। इतिहास में ऐसा पहली बार देखा जा रहा है। इसको लेकर लोगों में इस सरकार के प्रति निराशा उत्पन्न हो रही है।

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