राजस्थान सिन्धी अकादमी द्वारा वार्षिक पत्रिका ’रिहाण’ का प्रकाषन

rihanजयपुर, 11 फरवरी (वि.)। राजस्थान सिन्धी अकादमी ने अपनी वार्षिक पत्रिका ’रिहाण’ के वर्ष 2015-16 अंक का प्रकाषन करवाया है। अकादमी द्वारा इससे पूर्व रिहाण का प्रकाषन वर्ष 2012-13 में किया गया था। अकादमी सचिव श्रीमती सोविला माथुर ने बताया कि पत्रिका में देषभर के सिन्धी साहित्यकारों की अप्रकाषित रचनायें – कहानी, कविता, गीत-गजल, नाटक, लेख आदि प्रकाषित किये गये हैं। वार्षिक पत्रिका का प्रकाषन अकादमी के प्रषासक एवं प्रमुख शासन सचिव, कला, साहित्य एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख शासन सचिव माननीय श्री शैलेन्द्र कुमार अग्रवाल के मार्गदर्षन में सम्पन्न हुआ।

उन्होंने बताया कि पत्रिका प्रकाषन का मुख्य उद्देष्य विलुप्त हो रही प्राचीन सिन्धी भाषा, साहित्य, कला एवं संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्वन तथा प्रचार-प्रसार के साथ, सिन्धी साहित्यकारों की अप्रकाषित रचनाओं को आमजन तक पहुंचाना है। पत्रिका सिन्धी साहित्यकारों, सामाजिक सरोकार रखने वाली सिन्धी संस्थाओं, पुस्तकालयों/वाचनालयों, सिन्धी विद्यालयों, प्रबुद्व सिन्धी नागरिकों एवं सिन्धी भाषी पाठकों को निःषुल्क वितरित की जाती है।

उन्होंने यह भी बताया कि पत्रिका के संपादक मण्डल में वरिष्ठ साहित्यकार सर्वश्री लक्ष्मण भंभाणी, ढोलण राही, डा0कमला गोकलानी, डा0खेमचन्द गोकलानी एवं हेमन्त जी लखाणी थे। अकादमी द्वारा पत्रिका का विमोचन शीघ्र करवाया जायेगा।

(सोविला माथुर)
सचिव

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