दिन भर हुए विशेष मनोरथदर्शन
उदयपुर। पुष्टिमार्गीय प्रवर्तक श्री महाप्रभु वल्ल्भाचार्य जी का 539 वाँ प्राकट्योत्सव मंगलवार को धूमधाम से महोत्सव के रूप में मनाया गया। स्थानीय श्रीनाथजी मन्दिर सहित विभिन्न मन्दिरों में विविध कार्यक्रम हुए। इस अवसर पर भव्य शोभायात्रा निकाली गई।
अंतरराष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय वैष्णव परिषद के जिलाध्यक्ष जयंतीलाल पारीख ने बताया कि स्थानीय श्रीनाथ जी मंदिर को भव्य विद्युत सज्जा से लकदक सजाया गया है। गोस्वामी 108 श्री तिलकायत राकेश जी महाराज और जिजिबा गोस्वामी कनकप्रभा बेटीजी के आज्ञा स्वरूप श्रीनाथ जी मंदिर में दिन भर मनोरथ के दर्शन हुए।
परिषद के निवर्तमान अध्यक्ष राजेश बी मेहता ने बताया कि प्राकट्योत्सव के अवसर पर स्थानीय श्रीनाथ जी मंदिर से मंगलवार को सायं साढ़े पांच बजे भव्य शोभायात्रा निकली जो जडिय़ों की ऑल, बड़ा बाजार, अस्थल मंदिर, खेरादीवाड़ा होकर पुन: मंदिर पहुंची। शोभायात्रा में वल्ल्भाचार्य जी और श्रीनाथ जी की बग्गी के अलावा घोड़े चल रहे थे, बैेंंड की सुमधुर भक्तिरस गीतों पर वैष्णव महिलाओं ने नृत्य और गरबा रास किया। वैष्णव महिलाएं केशरिया वस्त्र में मंगल कलश के साथ चली वहीँ वैष्णवजन स्वेत वस्त्र और केशरिया उपरना धारण कर कीर्तन गाते चले।
अंतरराष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय वैष्णव परिषद के मीडिया प्रमुख हेमेन्द्र श्रीमाली ने बताया कि शोभायात्रा का जगह-जगह वैष्णव भक्तों ने स्वागत किया तथा फूलों की वर्षा की। शोभायात्रा में कन्नू भाई, भुवनेश भाई शाह, मथुरा दास पारीख, हेमंत चौहान, प्रभुलाल साहू , कृष्णदास पारीख, रमेश गोठी, नवनीत लाल पारीख, कलश चन्द्र व्यास, अशोक पाहुजा, सुनील पारीख, गिरिराज औदीच्य, मंगलबेन राजपूत और श्रीमती आशा पारीख
जयन्ति लाल पारीख आदि सैकडों वैष्णवजन शामिल हुए।