एक परिवार तीन लोग विकलांग होने का अभिशाप झेल रहा है

शाहाबाद ब्लॉक के गुडरमाल निवासी विकलांग का परिवार
शाहाबाद ब्लॉक के गुडरमाल निवासी विकलांग का परिवार
बारां । शाहाबाद ब्लॉक की ग्राम पंचायत ढीकवानी के गांव गुडरमाल निवासी एक परिवार में तीन लोग विकलांग होने का अभिशाप झेल रहा है । यह परिवार भील समुदाय से है । विकलांग सतुरी पत्नी किशन 37 ने बताया कि मेरे परिवार में सास, पति, और 4 बच्चे है । में स्वयं भी विकलांग हूँ । और मेरे पति किशन भी मानसिक रूप से विकलांग है । मेरे 2 लड़के व्2 लड़कियां है । मेरा बड़ा बेटा सुनील ( 10 ) जन्म से अपंग है, न बोल सकता है, और न चल सकता है । बस एक जगह पर पड़ा रहता है । यही नहीं दुसरो के ऊपर आश्रित है । परिवार का एक व्यक्ति उसकी देखभाल में रहता है । खाना भी अगर कोई खिलाएं तब जाकर खाता है । पीड़ित सतुरी ने बताया कि रहने के लिए टापरी है । इस कारण बारिश के मौसम में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है । विकलांग किशन बकरियाँ चराता है । दूसरा लड़का अनील हे जो पहली कक्षा में पढ़ता है । और 2 छोटी लड़कियां है, जो अभी अपनी माँ के साथ रहती है । इसी गांव के बीर सिंह ने बताया की विकलांग किशन की माँ तेजु पत्नी वर सिंह जिसकी आयु भी लगभग 70 के आस पास है, इसको भी व्रद्धावस्था पेंशन नही मिलती है । उन्होंने बताया की प्रशासन गांव के संग अभियान के दौरान शिवर में इनके फार्म भरे गए थे, उसके बाद भी इनको आज तक किसी भी प्रकार की सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिला है । तब से ही परिवार की माली हालत हो गयी । पुरे परिवार का बोझ विकलांग सतुरी कंधो पर है । विकलांग पति कुछ नही कर पाते है । कई बार सरकारी लाभ के लिए फार्म भरे मगर अभी तक कुछ नही हुआ । राशन सामग्री नियमित रूप से मिल रही है । मगर यह परिवार विकलांग पेंशन से वंचित है । जानकारी करने पर सामने आया कि अभी तक इसके पास विकलांग सर्टिफ़िकेट भी नहीं है । पीड़ित की पत्नी गांव में ही मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का गुजारा कर रही है । इसका कहना है कि परिवार में 3 लोगो विकलांग पेंशन व् सास को वृद्धा पेंशन का लाभ मिल जाये तो परिवार का गुज़र बसर हो सकता है । इसी तरह यहीं के जेवलिया पुत्र सकरिया ( 13 ) भी पुरी तरह से विकलांग है । और दूसरे पर आश्रित है । मूक बधीर है । क्षेत्र के लोगो ने जिला प्रसाशन से शिवर लगाकर लाभ देने की मांग की है

FIROZ KHAN

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