अवधि गुजर जाने के बावजूद पार्शद को नहीं दी सूचना

baran samacharफ़िरोज़ खान बारां, ( राजस्थान ) 12 मई 2016/ सूचना के अधिकार के तहत आमजन को चाही गई सूचना उपलब्ध कराने में सरकारी महकमें कितनी संजीदगी दिखाते हैं, यह बात आए दिन सामने आती रहती है। लेकिन जब उसी महकमें का जनप्रतिनिधि इसकी मांग करे और अवधि गुजर जाने के बाद भी सूचना उपलब्ध नहीं कराए तो आमजन ऐसे महकमों से क्या उम्मीद करेगा। ऐसा ही उदाहरण पेष हुआ है बारां नगर परिशद मंे। जिसकी एक पार्शद ने डेढ़ माह पहले इस अधिनियम के सूचना चाही थी। लेकिन उसे आज तक सूचना उपलब्ध कराना मुनासिब नहीं समझा गया। ऐसे में पार्शद ने अब 11 मई को फिर से आयुक्त को स्मरण पत्र सौंपकर सूचना उपलब्ध कराने की मांग दोहराई है। वार्ड 6 की पार्शद रानू गोयल ने बताया कि उन्होंने निर्धारित षुल्क के पोस्टल आॅर्डर नंबर 109 लगाकर 21 मार्च 2013 को वार्डों में निर्माण कार्य व विद्युत खर्चों की जानकारी मांगी थी। लेकिन पूरा डेढ़ माह गुजर जाने के बाद भी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। जो सूचना के अधिकार का उल्लघंन है। पत्र मंे पार्शद ने चेतावनी दी है कि इसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई तो उचित कार्यवाही की प्रक्रिया षुरू की जाएगी। सवाल उठने लगा है कि नगर परिशद प्रषासन द्वारा आमजन के हित में मांगी गई सूचना उपलब्ध नहीं कराना भ्रश्टाचार की ओर इषारा कराता है।

दोशी पुलिसकर्मी को विभागीय कार्यवाही कर दण्डित करने की मांग
षहर के झालावाड रोड क्षेत्र निवासी एक जने की जमीन पर जबरन कब्जा करने के मामले में आरोपी कांस्टेबल पर कार्रवाई की मांग को लेकर बुधवार को एसपी को ज्ञापन दिया है। ज्ञापन में बुद्धिप्रकाष बैरवा व संतोश बाई ने बताया कि कांस्टेबल जगदीष सिंह पुत्र भैरू सिंह निवासी तेल फेक्ट्री बारां ने साल 2008 में फरियादी की ग्राम कलमंडा स्थित आधा बीघा जमीन पर मकान व पत्थरों का कोट कर कब्जा कर लिया था। फरियादियों के मना करने पर जाति सूचक षब्दों से अपमानित किया गया। इसकी रिपोर्ट देने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने से कोर्ट में इस्तगासा दायर किया। जांच में प्रथम अनुसंधान अधिकारी ने कांस्टेबल को दोशी माना, लेकिन दूसरे अनुसंधान अधिकारी ने कांस्टेबल को बचाकर प्रतिवेदन कोर्ट में पेष कर दिया। इसे मजिस्टेªट ने स्वीकार करने योग्य नही माना। आरोपी कांस्टेबल को पांच हजार के जमानती वारन्ट से तलब करने के निर्देष दिए।

यह था मामला-
ज्ञापन में प्रार्थिया संतोश बाई ने बताया कि कांस्टेबल जगदीष सिंह को धारा 447 व धारा 3 (1) (ग) अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत प्रथम दृश्टया पाये जाने के आधार पर प्रसंज्ञान लिया तथा मामला दर्ज रजिस्टर कर कांस्टेबल जगदीष सिंह को जर्ये वारन्ट जमानती तादादी 5000 रूपये से तलब किये जाने के आदेष दिए है। जिसकी निगरानी याचिका अक्टूबर 2013 को पेष की गई थी। लेकिन 14 मार्च 2016 को कांस्टेबल जगदीष सिंह की यह निगरानी याचिका खारिज कर दी गई तथा 15 जून 2012 के आदेष को यथावत रखा है। ज्ञापन में प्रार्थी ने मांग की है कि कांस्टेबल जगदीष सिंह एक पुलिस विभाग का लोक सेवक है। जिसने पुलिस विभाग में रहकर अपने पद का दुरूपयोग किया है तथा पुलिस विभाग की छवि को कलंकित किया है। जिसके कारण विभाग के निश्ठावान व ईमानदार व्यक्तित्व वाले लोकसेवकों को भी ठेस पहुंचाई है। ऐसे मंे जगदीष सिंह को अपने पद पद पर रहने का कोई हक नहीं है। जिसे विभागीय कार्यवाही कर दण्डित किया जाना चाहिए। ताकि पुलिस विभाग की छवि बेदाग हो सके।

धोबियान समाज चैरासी पंचायत की आमसभा आज
श्री चैरासी वषिश्ट धोबियान समाज पंचायत की त्रैमासिक आमसभा 13 मई षुक्रवार को षाम 7 बजे होस्पीटल रोड स्थित श्रीरामजानकी मंदिर पर होगी। अध्यक्ष रामकिषन सिकोरिया, मंत्री राजेष रंगीला व कोशाध्यक्ष यादराम चैहान ने बताया कि आम सभा में छात्रावास निर्माण पर विचार किया जाएगा। इसमें समाज के सदस्यों के सुझाव लेकर निर्णय लिया जाएगा। आमसभा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। साथ पंचायत के दायरे में आने वाले बारां, कोटा, बूंदी आदि जिलों के गांवों में सूचना भी भिजवा दी गई है।

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