महेश जयंती की शोभा यात्रा में उमड़ा माहेश्वरी समाज

rajsamand samacharराजसमन्द। महेश जयन्ती के उपलक्ष में समस्त माहेश्वरी समाज राजसमन्द की और से विशाल शोभा यात्रा का आयोजन किया गया। प्रातः 7 बजे से समाज के युवा, बुजुर्ग और महिलाऐं किशोरनगर स्थित विश्वम्भर महादेव मंदिर पर एकत्र होना शुरू हो गए। 8.15 बजे शोभा यात्रा का शुभारम्भ हो गया। आगे आगे घोड़े और सुमधुर भजन की स्वर लहरिया बिखेरते श्री द्वारिकाधीश मंदिर का वाद्य दस्ता चल रहा था। इसके पीछे तीन तीन की पंक्ति में केसरिया वस्त्र पहने मातृ शक्ति और सफेद वस्त्र पर जय महेश का दुपट्टा डाले समाज का पुरुष वर्ग चल रहा था। यात्रा में दो रथ चल रहे थे जिनमे राम लक्ष्मण जानकी, हनुमान और दूसरे में शिव पार्वती गणेश और कार्तिकेय की झांकी बने किशोर थे जबकि घोड़े पर कृष्ण और बलराम भगवान के प्रतिरूप विराजित थे। शोभा यात्रा के दौरान जगह जगह शीतल पेय अल्पाहार की व्यवस्था थी। समाज के मीडिया संयोजक मधुप्रकाश लड्ढा और लक्ष्मीलाल इनाणी ने बताया कि समस्त माहेश्वरी समाज की और से निकली गई शोभा यात्रा के प्रारम्भ में बर्फ से बने शिव लिंग की पूजा अर्चना की गई और पुरे रास्ते शिव भजन गाये और जयकारे लगाये गए। शोभा यात्रा 11 बजे के करीब जल चक्की, चौपाटी, जेके मोड़ होती हुई प्रज्ञा विहार भवन पहुँच धर्म सभा में परिवर्तित हो गई। जहाँ भगवान् महेश के समक्ष दिप प्रज्वलित कर आरती पूजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान केदारमल न्याति, महेंद्र देवपुरा, हरिभागवान बंग, शिवशंकर सोमानी, रामगोपाल सोमानी, श्याम लाल मंत्री, अर्जुन लड्ढा, गोपाल मंत्री, मुरलीधर बियानी, शरद लड्ढा, उमेश निष्कलंक, सतीश हेडा, पुष्पा मंत्री, पूनम चरखा, कांता लड्ढा, सुशीला असावा, चंदा देवपुरा, तारा इनाणी, रतन न्याति, लक्ष्मी लखोटिया, भगवती अजमेरा, श्याम काबरा, विजेश लड्ढा, देविका निष्कलंक, शंकरलाल लड्ढा, ओम बपड़ोत सहित समाज के कई वरिष्ठ जन उपस्थित थे।
शोभा यात्रा की विशेषता-
स्वागत द्वार कम लगाए गए जिसके कारण आमजन को आने जाने में कोई परेशानी नही हुई और यातायात भी सुचारू रूप से चलता रहा।

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