मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान का दूसरा चरण इतिहास बनाएगा

धार्मिक समन्वय ट्रस्ट प्रकोष्ठ की बैठक हुई सम्पन्न
IMG_20160831_154635जयपुर, 31 अगस्त। ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ का पहला चरण बेहद सफल रहा है और लोग इतने उत्साहित हैं कि दूसरा चरण एक इतिहास बनाएगा। यह कहना है जलदाय मंत्री श्रीमती किरण माहेष्वरी का।
जलदाय मंत्री शासन सचिवालय में बुधवार को धार्मिक समन्वय ट्रस्ट प्रकोष्ठ की बैठक में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ का प्रथम चरण में धार्मिक समन्वय ट्रस्ट प्रकोष्ठ में 2.62 करोड़ रुपए नगद और करीब 18 करोड़ रुपए श्रम एवं सामग्री के द्वारा प्राप्त किए गए। उन्होंने कहा कि जिस तरह पहले चरण में संतों के आशीर्वचन और भरपूर जनसहभागिता से ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ से बेहतरीन परिणाम देखने को मिले उसी तरह की उम्मीदें दूसरे चरण से भी है।
‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ के दूसरे चरण में धार्मिक ट्रस्टों और संगठनों की भागीदारी को और अधिक प्रभावी बनाने और योजनाओं के शीघ्र क्रियान्वयन के लिए यह बैठक आयोजित की गई थी।
श्रीमती माहेश्वरी के अुनसार बैठक में यह तय किया है कि संभाग स्तर पर सितम्बर माह में बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें दूसरे चरण में आने वाले धार्मिक ट्रस्टों द्वारा जनसहयोग की राशि बढ़वाने के संबंध में चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी के युवाओं और आमजन को मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान से जोड़ने के लिए पेटीएम वॉलेट जैसी मोबाईल पेमेंट जैसी ऑनलाइन फैसिलिटी से जोड़ने का प्रस्ताव भी वाटरशैड विभाग वित्त विभाग को भेजेेगा। उन्होंने कहा कि आमजन भरपूर जनसहयोग करने को तैयार है लेकिन कई बार असुविधा से बचने, बैंक जाने के चक्कर में पहल नहीं करता। ऐसे में मोबाईल पेमेंट की सुविधा खासतौर पर युवाओं के लिए आकर्षित करेगी।
देवस्थान विभाग के मंत्री श्री ओटाराम देवासी ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ को लोगों ने ‘जल क्रांति’ के रूप में अपनाया। प्रकृति ने भी खुश होते हुए भरपूर पानी बरसाकर मानों हमारी इच्छाशक्ति की प्रशंसा की हो। उन्होंने कहा कि पहले चरण से उत्साहित होकर प्रदेष भर के संत-महात्मा और आमजन सभी दूसरे चरण में अभियान का हिस्सा बनने को उत्सुक हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान का दूसरा चरण 16 नवंबर से शुरू होगा, जिसके तहत 4300 गंावों में कार्य प्रारम्भ किया जाएगा।
इस बैठक में राजस्व विभाग के सचिव श्री आलोक, वाटरशैड विभाग के अतिरिक्त निदेशक अरूण सुराणा सहित संबंधित विभागों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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