ऐसा हिन्दुस्तान बना दे या अल्लाह

-कव्वाली मुकाबले में जमा रंग

dolmela36(फ़िरोज़ खान)बारां, 20 सितम्बर। रूमानियत और कौमी एकता से लबरेज षेरों और कव्वालियों से मुंबई के कव्वाल आफताब कादरी और दिल्ली की कव्वाला फिरदौस आजमी ने गंगा-जमुनी तहजीब को साकार कर दिया।

नगर परिशद के तत्वावधान में डोल मेला रंगमंच पर सोमवार रात को आयोजित कव्वाली मुकाबला कार्यक्रम में कव्वाल कादरी ने ‘हमको भी इंसान बना दे या अल्लाह, निर्धन हैं धनवान बना दे या अल्लाह, हिन्दु मुस्लिम सिख ईसाई सब एक ही थाली में खाएं, ऐसा हिन्दुस्थान बना दे या अल्लाह‘ जैसी कव्वाली से मुल्क में अमन ओ चैन की दुआ की। उम्दा षेरों षायरी की पेषकष से माहौल वाह-वाह से गूंज उठा और नजराने पेष किए गए। कादरी ने ‘ये देष है संत फकीरों‘ कव्वाली में ‘बहती है गंगा बहने दो, क्यों करते हो दंगा रहने दो, यार हमें धर्माें मंे मत बांटो, सबके ऊपर एक तिरंगा रहने दो‘ की षिद्दत से पेषकष देते हुए रंग जमा दिया। उन्होंने ‘यादगार लम्हों की चिटिठयां जला डाली, क्यूं सम्हाल रखना वो फिजूल चीजों को, फूल रख लिए उसके पत्तियां जला डाली, हां किसी जमाने में, हम भी खूबसूरत थे, वो हसीन चेहरे की, षोखियां जला डाली‘ कव्वाली से जज्बातों के समंदर में जुदाई के दर्द का सैलाब उठाया।

कव्वाला फिरदौस ने ‘‘है राम तू ही रहमान तू ही‘ से जादुई अल्फाजों की तरन्नुम छेड़ी। साथ ही ‘चलो आंखों ही आंखों में, मुहब्बत कर ली जाए‘ और ‘नफीसे दामन मेरा है‘, ‘सुख संकट में पालनहारा, सब की नैया खेवनहारा, तेरी पूजा तेरी इबादत, प्रेम से करना है जग सारा‘ कव्वालियांे से फिजां को महकाया। साथ ही ‘अल्लाह तेरा ईष्वर तेरा, सबसे बड़ा है नाम। अल्लाह तू है ईष्वर तू है, तू ही है बसरा में, तेरी अदा है सबसे निराली, तू ही है धनष्याम‘ इबादत में सजदा किया।

कव्वाली मुकाबले में देर रात तक श्रोता जमे रहे और रह रह कर कव्वालों की खूबसूरत पेषकष पर वाह-वाही लुटाते रहे। कार्यक्रम में अषरफ देषवाली, षकूर भाई स्टाक वाले, जाकिर मंसूरी, षब्बर भाई बोहरा, रईस अहमद देषवाली, सलीम भाई, सलीम भाई षटर वाले, एडवोकेट असलम भारती, लियाकत अली, इमरान चूड़ी वाले, रषीद भाई कबाड़ी, रईस फैजी, षाहिद भाई, बबलू भाई, नासिर मिर्जा, साबिर आदि अतिथियों के के रूप में मौजूद थे। जिनका मेलाध्यक्ष हरिराज सिंह गुर्जर, पार्शद गौरव षर्मा, नवीन सोन, षिवषंकर यादव, राहुल षर्मा, राधेष्याम सोन, नियाज मोहम्मद, अखलाक अंसारी, साबिर भाई, षैलेन्द्र यादव, विश्णु षाक्यवाल आदि ने स्वागत किया। कार्यक्रम की षुरूआत मंे कष्मीर में षहीद 17 सेना के जवानों को दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

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