अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही जैसलमेर शहर की धरोहर

jaisalmer newsगोपालसिंह जोधा
अजमेरनामा जैसलमेर स्वर्णनगरी के नाम से विख्यात जैसलमेर शहर में बड़ाबाग की छतरियां विश्व विख्यात है और यहां आने वाला प्रत्येक सैलानी इसे देखने के लिए जरुर आता है। दरअसल, बड़ाबाग की आकर्षक एवं मनमोहन छतरियां यहां आने वाले सैलानियों को दूर से ही अपनी ओर आकर्षित कर लेती है, लेकिन पिछले लंबे समय से इस ओर ध्यान नहीं दिए जाने से इस ऐतिहासिक धरोहर का अस्तित्व अब संकट में है।
बड़ाबाग की अधिकांश छतरियां रखरखाव के अभाव में जर्जर हो चुकी है, वहीं कई छतरियां ध्वस्त भी हो गई है, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

गौरतलब है कि बड़ाबाग जैसलमेर के रियासत काल के राजा महाराजाओं की शमशान भूमि है। यहां राजपरिवार के सदस्यों की मृत्यु के बाद उनका दाह संस्कार कर छतरी का निर्माण करवाया जाता है। बेहतरीन स्थापत्य कला के कारण अब यह छतरियां आमजन के साथ पर्यटकों की भी पसंद बन गई है।

ऐतिहासिक बड़ाबाग की छतरियां रखरखाव के अभाव में ध्वस्त हो गई है। कुछ ध्वस्त होने के कगार पर है। बड़ाबाग स्थित कई छतरियों के गुबंद गिर गए है, जिसका मलबा भी पास में ही पड़ा हुआ है। इस संबंध में किसी के ध्यान नहीं देने से यह विरासत खत्म होने की कगार पर पहुंच गई है। अगर प्रशासन द्वारा समय रहते इस ओर ध्यान दे तो इन धरोहरों को संरक्षित किया जा सकता है।

बड़ाबाग की छतरियां अपनी कलाकृति के लिए विश्वभर में अपना विशेष स्थान रखती है। हालांकि यह छतरियां निजी संपति है, लेकिन प्रशासन भी इन धरोहरों के रखरखाव के संबंध में मौन साधे हुए है। बड़बाग की छतरियां इतनी जर्जर हो गई है कि यहां भ्रमण पर आने वाले पर्यटक व आमजन कभी भी यहां दुर्घटना का शिकार भी हो सकते है। कई छतरियां बहुत ही जर्जर स्थिति तक भी पहुंच गई है। अगर उनका रखरखाव कर मरम्मत नहीं करवाई गई तो वह भी ध्वस्त हो सकती है।

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