कांग्रेस ने मनाया राश्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी का जन्मदिन

01फ़िरोज़ खान,बारां
बारां 09 दिसम्बर। अखिल भारतीय कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी का जन्मदिन जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा केक काटकर व विचार गोष्ठी आयोजित कर मनाया गया।
जिला महासचिव कैलाश जैन ने बताया कि श्रीजी चैक स्थित कांग्रेस के जिला कार्यालय पर कांग्रेसजनों ने एकत्र होकर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी का जन्मदिन उत्साह के साथ मनाया। इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष प्रमोद जैन भाया, जिलाध्यक्ष पानाचंद मेघवाल द्वारा केक काटा गया। इसके उपरांत विचार गोष्ठी आयोजित की गई।
विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष प्रमोद जैन भाया ने कहा कि कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी का जन्म आज ही के दिन 9 दिसम्बर 1946 को हुआ था। भाया ने कहा कि यह भी एक सच है कि सोनिया गांधी राजीव गांधी की हत्या के बाद राजनीति में नहीं आना चाहती थी। उन्होंने तल्ख शब्दों में एक बार कहा था कि मैं अपने बच्चों को भीख मांगते देख लूंगी, परंतु मैं राजनीति में कदम नहीं रखूंगी लेकिन 1996 में कांग्रेस की हार ने उन्हें राजनीति में आने पर विवश कर दिया। सोनिया गांधी की वजह से ही 2004 के आम चुनावों में जब हर तरफ भाजपा की लहर थी तब भी कांग्रेस ने रिकॉर्ड जीत हासिल की, लेकिन इस जीत के बाद जो हुआ वह एक चमत्कार ही था। कांग्रेस की जीत के बाद अधिकतर लोग मान रहे थे कि जल्द ही सोनिया गांधी प्रधानमंत्री का पद स्वीकार कर लेंगी पर किसी ने यह उम्मीद नहीं की थी कि वे देश के सबसे बडे पद से मुंह मोड़ लेंगी और प्रधानमंत्री का पद मनमोहन सिंह को सौंप देंगी। इस पद को स्वीकार नहीं कर उन्होंने इतिहास रच दिया था। संसद भवन के केंद्रीय सभागार में सांसदों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री की कुर्सी मेरा लक्ष्य नहीं है. मैं हमेशा मानती रही हूं कि आज की स्थिति में पहुंचने पर मैं अपने अंदर से आती आवाज को तरजीह दूंगी। वह आवाज मुझसे कह रही है कि मैं यह पद ग्रहण न करूं।
विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष पानाचंद मेघवाल ने कहा कि इटली के एक बेहद मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध होने के बावजूद आज सोनिया गांधी भारत की ताकतवर महिलाओं की फेहरिस्त में उत्कृष्ट स्थान रखती हैं। इसी से स्पष्ट हो जाता है कि सोनिया गांधी बेहद प्रभावी और दृढ़ व्यक्तित्व वाली महिला हैं। पति राजीव गांधी के निधन के बाद सोनिया गांधी ने अकेले अपने बल पर राजनीति में एक अहम मुकाम पाया है। सोनिया गांधी उस समय बिल्कुल अकेली पड़ गई थीं, जब उनके परिवार में उन्हें मार्गदर्शन देने वाला कोई नहीं था। इन्दिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्या ने उन्हें अकेला कर दिया था। ऐसे हालातों में भी उन्होंने अपना हौसला नहीं खोया तथा लगातार 1998 से कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर नियुक्त हैं, जो अपने आप में एक बहुत बड़ा रिकॉर्ड है।
सोनिया गांधी के जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम में उप सभापति कमल राठौर, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष इरफान अंसारी, पेंशन प्रकोष्ठ के रामस्वरूप धारीवाल, मुख्य संगठक सेवादल अशरफ देशवाली, पूर्व सभापति कैलाश पारस, पूर्व प्रवक्ता तंवरसिंह चैहान, पार्षद हेमराज बैरवा, मुकेश सुमन, भारती नागर, कृष्णा पांचाल, गौरव शर्मा, विष्णु शाक्यवाल, नवीन सोन, शिवशंकर यादव, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष दिनेश गुर्जर, आकाश प्रजापति, विजय बैरवा, ब्लाॅक महासयिव बनवारी मीणा, हरिराम मेघवाल, महेन्द्र सांखला, संदीप मीणा आदि कांग्रेसजनों ने भाग लिया।

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