चीनी खतरे की अनदेखी कर रही है सरकार: किरण

उदयपुर। भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव एवं विधायक किरण माहेश्वरी नें कहा कि केन्द्र सरकार की विदेश नीति भीरुता एवं दिशाहीनता से ग्रस्त है। पूर्वाेत्तर भारत में विगत 5 वर्षों से भारतीय सीमा में चीन नें घुसपैठ का कई बार दुःसाहस किया। वह कश्मीर को भारत का अंग नहीं मानता है। कश्मीरियों को भारतीय पारपत्र पर विजा नहीं देता है। किरण सावरकर स्मृति द्वारा चीनी हमले की 50 वीं तिथी पर आयोजित विचार सभा में विचार व्यक्त कर रही थी।
किरण नें कहा कि चीन का इतिहास पड़ोसियों के प्रति सदा आक्रामक और भूमि हड़पने का रहा है। 1962 में उसने भारत की 38000 हजार किमी भूमि पर कब्जा कर लिया था। सरकार अभी तक एक इंच भूमि भी वापस नहीं ले पाई। चीन पाकिस्तान और बांगलादेश का गठजोड़ भारत के लिए एक बड़ा खतरा है। नेपाल में भी तीनी गतिविधियाँ बढ़ रही है। तिब्बत भारत का मित्र देश था। वहाँ भारत की रेल, डाकघर, पुलिस और सेना थी। 1950 में चीन ने तिब्बत को हड़प लिया। नेहरु जी की आत्मघाती विदेश नीति के कारण भारत कुछ नहीं कर पाया।
किरण नें इस बात पर आश्चर्य प्रकट किया कि सरकार के पास अपने पड़ोसी देशों से संबंधों के बारे में स्वदेश हित की पोषक नीतियाँ ही नहीं है। सरकार मात्र तुष्टीकरण से संबंध सामान्य बनाने का प्रयास करती दिखती है। चीनी खतरे की भारी अनदेखी की जा रही है। 20 अक्टूबर को हमें राष्ट्र रक्षा संकल्प दिवस के रुप में मनाना चाहिए। चीनी कब्जे के भारतीय भूभाग को स्वतंत्र करवाने के बारे में हमें सतत प्रयासरत् रहना होगा। तिब्बत की स्वायतता को भी हमें मुखर समर्थन देना चाहिए।
सावरकार स्मृति में अध्यक्ष डा. सत्यनारायण माहेश्वरी, गोपाल देवपुरा, जगदीश देवपुरा, योगेश पोखरना, इन्दरसिंह मेहता, सुभाष जोशी, के.एल समदानी, नरेन्द्र पोरवाल, चेतन लुणदिया, रेन प्रकाश जैन, राजेश शर्मा सहीत कई सदस्यों ने भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण पर राष्ट्र रक्षा की शपथ ली। संचालन प्रवक्ता अनिल चतुर्वेदी ने किया।

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