डाॅ. करणीसिंह स्टेडियम में साकार हो उठी राष्ट्र की सुरंगी संस्कृृति

मनमोहक शोभायात्रा के साथ ऊंट उत्सव का हुआ शुभारम्भ
संगीत, कला तथा संस्कृति से रूबरू हुए देशी-विदेशी पर्यटक

Pho-camel-3बीकानेर, 13 जनवरी। ‘ आसमान से पावर्ड पैराशूट से हो रही पुष्प वर्षा, शोभायात्रा में शामिल नख-शिख सजे ऊंट, मूंछों पर ताव देते रौबीले, पारंपरिक वेशभूषा में देशी-विदेशी पुरूष व महिलाएं, चंग की थाप के साथ गूंजते लोकगीत तो मशक वादन से बरबस ही देशी-विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते लोक कलाकार, और इन अविस्मरणीय क्षणों को मोबाइल और कैमरे में कैद करते सैकड़ों लोग’ कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला शनिवार को जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान् में प्रारम्भ हुए दो दिवसीय 25वें अंतर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव के पहले दिन।
जैसे ही बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्रा विधायक सिद्धि कुमारी, पुलिस महानिरीक्षक बिपिन कुमार पांडेय, जिला कलक्टर अनिल गुप्ता, पुलिस अधीक्षक सवाई सिंह गोदारा, नगर विकास न्यास अध्यक्ष महावीर रांका, सहीराम दुसाद, एसबीआई के डीजीएम विनीत कुमार, अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) शैलेन्द्र देवड़ा, संयुक्त निदेशक पर्यटन जी एस गंगवाल ने रंग-बिरंगे गुब्बारे और शांति के प्रतीक सफेद कपोत हवा में छोड़कर महोत्सव का आगाज किया तो मानो पूरे देश की संस्कृति डाॅ. करणीसिंह स्टेडियम में जीवंत हो उठी। ढोल, नगाड़ों और शंख की सुमधुर ध्वनि के बीच हजारों की संख्या में स्टेडियम में मौजूद देशी-विदेशी पर्यटकों ने इस ऐतिहासिक क्षण का तालियां बजाकर स्वागत किया।
जूनागढ़ से रवाना हुई शोभायात्रा-
इससे पहले, जिला कलक्टर अनिल गुप्ता व पुलिस अधीक्षक सवाई सिंह गोदारा ने जूनागढ़ के आगे से शोभायात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया व वे शोभायात्रा के साथ डाॅ. करणीसिंह स्टेडियम तक पैदल चले। जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक ने लोक नर्तकों के साथ नृत्य कर, उनका उत्साहवर्धन किया।
शोभायात्रा में बुलेट पर खेमसा पुरोहित सबसे आगे रहे। इसके बाद सजे-धजे ऊंटों पर सवार रौबीलों ने देशी-विदेशी मेहमानों का अभिवादन किया। वहीं अनूपगढ़ के मंगलाराम भील व खाजूवाला के ओमप्रकाश व पार्टी मश्क पर लोकगीतों की धुनों को प्रस्तुत करते हुए चल रहे थे। चूरू की गोपाल राम पार्टी चंग पर धमाल गाते हुए, गोगामेड़ी के रामकुमार नाथ एंड पार्टी कालबेलिया सपेरों की पूंगी (बीन) बजाते हुए शामिल हुए, वहीं शशि कुमार सिंह व पार्टी के कच्छी घोड़ी नृत्य, दौसा के शुभाती खान एवं पार्टी का बहरुपिया दल व बूंदी के ही हरि शंकर नागर व पार्टी के बैल नृत्य की भी झलक देखने को मिली। रौबीले गिरधर व्यास, अनिल बोड़ा एवं पार्टी शाही पोशाक में शोभा बढ़ा रहे थे।
शोभायात्रा यहां से होते हुए डाॅ. करणीसिंह स्टेडियम पहुंची। स्टेडियम में जिला कलक्टर ने समारोह की विधिवत शुरूआत की घोषणा की। यहां रणबांकुरा क्लब के राॅयल इनफील्ड मोटर साइकिलों पर सवार जांबाज थे तो विंटेज वाहन भी आकर्षण का केन्द्र थे। उत्सव के उद्घाटन सत्रा में शंख वादन, बांसुरी वादन सहित आर.ए.सी. व आर्मी के बैगपाइपर बैंड ने लोक व पारम्परिक गीतों की स्वर लहरियां बिखेरीं। राजनारायण पुरोहित व राकेश बिस्सा ने लोकगीत प्रस्तुत किए। एसबीआई की कैमल मोबाइल बैंक ने पर्यटकों को आश्चर्य चकित कर दिया। पावर्ड पैराशूट के द्वारा शोभायात्रा व स्टेडियम में पुष्प वर्षा की गई।
विदेशी पावणे बोले, इट्स जस्ट वंडरफुल-
कुवैत राजपरिवार की शेखा नजीला अलसबाह सहित अन्य सदस्यों ने भी ऊंट उत्सव का आनंद उठाया। शोभायात्रा और स्टेडियम में मौजूद विदेशी मेहमानों ने ‘नमस्कार’ कहकर लोगों का अभिवादन किया। अनेक विदेशी महिला एवं पुरूष पर्यटकों ने राजस्थान की पारम्परिक वेशभूषा पहनी हुई थी, तो रौबीलों के साथ फोटो खिंचवाने में भी देशी-विदेशी पर्यटक मशगूल दिखे। पारम्परिक वेशभूषा में छोटे-छोटे बच्चे विशेष आकर्षण का केन्द्र रहे।
फ्लोरिडा से आई बुजुर्ग महिला मेरलिन तो राजस्थानी संस्कृति की छटा देख दंग थीं। वे बोलीं- इट्स जस्ट वंडरफुल।
स्टाॅल्स से मिली उपयोगी जानकारी-
समारोह स्थल पर राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, शिक्षा विभाग आदि विभागों की स्टाॅल्स लगाई गई थीं। समाजसेवी जीवरक्षक मोहम्मद इकबाल अपनी स्टाॅल के माध्यम से सांपों के विषय में आमजन को जागरूक कर रहे थे।
समारोह का संचालन संजय पुरोहित, रवीन्द्र हर्ष, किशोर सिंह राजपुरोहित और ज्योति रंगा ने किया। इस अवसर पर, एसबीआई के एजीएम पी एस यादव, पर्यटन अधिकारी पुष्पेन्द्र सिंह, अरविंद किशोर आचार्य, सीताराम कच्छावा, आनंद जोशी सहित बड़ी संख्या में पर्यटक व आमजन मौजूद रहे।
फोटो प्रदर्शनी रही आकर्षण का केन्द्र-
जूनागढ़ परिसर में आयोजित हो रही 4 दिवसीय फोटो प्रदर्शनी का शनिवार को भी बड़ी संख्या में देशी और विदेशी पर्यटकों ने अवलोकन किया। फोटो प्रदर्शनी में बीकानेर के 40 युवा फोटोग्राफर्स ने अपने 120 छायाचित्रों के माध्यम से बीकानेर की समृद्ध कला एवं संस्कृति को प्रस्तुत किया है। प्रदर्शनी 15 जनवरी तक सुबह 10 बजे से सांय 5 बजे तक आमजन के अवलोकनार्थ निःशुल्क खुली रहेगी।
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सांस्कृतिक वैभव से रूबरू करवाएगी हैरिटेज वाॅक
बीकानेर, 13 जनवरी। 25वें अंतर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव के दूसरे दिन रविवार को प्रातः 8 बजे से हैरिटेज वाॅक के साथ कार्यक्रमों का आगाज होगा। पत्थर की अद्भुत नक्काशी से दुनिया भर में बीकानेर को अलग पहचान देने वाली रामपुरिया हवेली से लक्ष्मीनाथ मंदिर, भांडाशाह जैन मंदिर के पास स्थित बीकानेर के संस्थापक राव बीकाजी की टेकरी तक निकलने वाली इस हैरिटज वाॅक में शहर के गणमान्य लोगों के साथ अनेक पर्यटक शामिल होंगे। ‘हैरिटेज वाॅक’ के माध्यम से वे बीकानेर के पुरा व सांस्कृतिक वैभव से रूबरू हो सकेंगे।
हैरिटेज वाॅक के दौरान सजे-धजे ऊंट, रोबीले और बैगपाइपर बैंड साथ रहेगा। वहीं देशी एवं विदेशी पर्यटक यहां की चंदा परम्परा, मथेरण कला, गणगौर, साफा-पगड़ी बांधने की कला, रम्मतों एवं उस्ता कला की बारीकियां जान सकेंगे। हैरिटेज वाॅक का आयोजन पर्यटन विभाग द्वारा लोकायन संस्था के सहयोग से किया जाएगा।
विभिन्न प्रतियोगिताओं का होगा आयोजन-
डाॅ.करणी सिंह स्टेडियम में रविवार को दोपहर साढ़े बारह बजे से शाम पांच बजे तक विभिन्न प्रतियोगिताएं हांेगी। इनमें देशी-विदेशी पर्यटकों की रस्सा कस्सी, ग्रामीण कुश्ती प्रतियोगिता, कबड्डी खेल प्रदर्शन मैच, साफा बांधने की प्रतियोगिता, ऊंट नृत्य, मटका दौड़, म्यूजिकल चेयर सहित विभिन्न प्रतियोगिताएं शामिल हैं। उत्सव के अंतिम दिन शाम छह बजे से रात आठ बजे तक राजस्थानी कलाकारों द्वारा लोक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी। उत्सव का समापन जसनाथी सम्प्रदाय की ओर से अग्निनृत्य एवं आतिशबाजी के साथ होगा।

ऊंट उत्सव के पहले दिन दोपहर से शाम तक रेगिस्तानी जहाज ऊंट की विशिष्टताओं, प्रदेश के सांस्कृतिक वैभव में देशी-विदेशी पर्यटक खोए रहे। दर्शकों ने एक से बढ़कर एक आकर्षक कार्यक्रमों की करतल ध्वनि से सराहना की।

बैंड का प्रदर्शन- पंजाब के आर्मी से जुड़े कोहिनूर पाइप बैंड ने मार्च पास्ट की तथा पंजाबी भंगड़ा व डिस्कों का प्रदर्शन मास्टर मनप्रीत सिंह के नेतृत्व में किया। आर.ए.सी. बैंड ने ’’लहरिया’’ व ’’गोरबंध’’ राजस्थानी गीतों की स्वर लहरियों से उपस्थितजनों का मन मोह लिया।

दूध का चखा स्वाद- ऊंट उत्सव के तहत हुई ऊंटनी के दूहने की प्रतियोगिता में राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र के साथ ऊंट पालकों ने हिस्सा लिया। पर्यटकों ने ऊंटनी के दूध स्वाद को चखा तथा इससे बनने वाले व्यंजनों की जानकारी ली। राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र की ओर से स्टॉल के माध्यम से ऊंटनी के दूध से बनने व्यंजनों,बालों से बने शॉल आदि का प्रदर्शन किया।

ऊंट कला का करिश्मा

ऊंट के बाल कतराई प्रतियोगिता के दौरान प्रतियोगियों ने कला के करिश्मे का प्रदर्शन किया। बेहतरीन व कलात्मक तरीके से बॉलों की कटिंग कर धरती-अम्बर, देवी देवता, रेगिस्तान के धोरों पर थिरकते ऊंट, मयूर,पशु-पक्षी, वन्यजीव,बेल बूटों का प्रदर्शन किया। वहीं हवाई जहाज,भारत के नक्शे, पनिहारी, बाबा रामदेव, देवी करणीमाता सहित विविध आकृतियों को ऊंट पर चित्रित कर दिया।

दूल्हा-दूल्हन सा श्रृंगार-

ऊंट श्रृंगार प्रतियोगिता में 10 ऊंटों के दूल्हा-दूल्हन सा श्रृंगार किया हुआ था। मोती, फूल,कांच के गोरबंध,दूल्हा-दूल्हन के विवाह में पहने जाने वाले मावड़, तिरंगा ध्वज, विभिन्न तरह के गहने,पैरों में घूघरू,नेवरी,नाक में नथ, जरी,बेलबूटों के गोरबंध, आकर्षण का केन्द्र बने हुए थे।

नृत्य के साथ रोमांचक करतब-

ऊंट की नृत्य प्रतियोगिता के दौरान अनेक ऊंट पालकों ने नृत्य के दौरान अनेक रोमांचक करतब कर देशी-विदेशी पर्यटकों के दांतों तले अंगूली दबाने को मजबूर कर दिया। पर्यटकों ने ऊंट की नृत्य की अदाओं को अपने कैमरे में कैद किया वहीं कई लोग फेसबुक व वॉट्स एप्प के जरिए हाथों हाथ देश-विदेश में बैठे अपने साथियों को मरु प्रदेश के लोगों के निजी, सामाजिक व आर्थिक जन जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से ऊंट की विशिष्ताओं को बता रहे थे। नृत्य करने वाले ऊंटों ने पुलिस महानिरीक्षक विपिन पांडेय,जहां जिला कलक्टर अनिल गुप्ता व पुलिस अधीक्षक सवाई सिंह गोदारा, महापौर नारायण चोपड़ा और देशी-विदेशी सैलानियों का दोनों घूटने टेककर सिर को नीचा कर किया वहीं अनेक करतब दिखाए। झुंझुनूं के नेकीराम के ऊंट हंसराज व मोती ने अपने मालिक की गर्दन को अपने दातों के बीच में रखकर अपनी स्वामी भक्ति दिखाई वहीं दोनों पैर ऊपर कर थिरकते हुए करतल ध्वनि बटोरी । नृत्य के दौरान ऊंट ने अपने जबड़े से पानी से भरी बाल्टी व लोटे को उठाने के साथ मुंह में दोनों ओर जलते अंगारों की स्टीक को रखकर प्रभावी प्रदर्शन किया।

मिस मरवण व मिस्टर बीकाणा-

मिस मरवण व मिस्टर बीकाणा- मिस मरवण व मिस्टर बीकाणा प्रतियोगिता में राजस्थानी वेशभूषा के साथ 22 युवतियों व 30 युवकों ने प्रभावी प्रदर्शन किया। राजस्थानी लोक गीतों की धुनों पर प्रतिभागियों ने राजस्थान सहित बीकानेर की विशिष्टताओं, संस्कृति को उजागर किया। अनेक पर्यटकों ने मिस मरवण व मिस्टर बीकाणा के प्रतिभागियों के साथ फोटो खींचवाएं। अनेक बच्चे भी मरवण व मिस्टर बीकाणा की वेशभूषा में नजर आए।

घूमर नृत्य- राजस्थानी वेशभूषा में युवतियों ने वर्ष 2015 की मिस मरवण सुश्री डिम्पल कंवर खींची के साथ घूमर नृत्य की प्रस्तुत से सराहना बटोरी।

सांस्कृतिक कार्यक्रम-

ऊंट उत्सव के पहले दिन के अंतिम सौपान राजस्थानी सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न इलाकों से आए कलाकारों ने राजस्थान के विभिन्न अंचलों के लोग संगीत व संस्कृति से दर्शकों को सराबोर कर दिया। कार्यक्रम में बाबा रामदेव की स्तुति के रूप में प्रस्तुत तेरहताली नृत्य, कालबेलिया नृत्य, भवई नृत्य,कच्छी घोड़ी नृत्य, भपंग वादन, बैल नृत्य, लंगा व मांगणियार कलाकारों की गायकी से दर्शक करीब दो घंटें तक बंधे रहे। हर प्रस्तुति पर उपस्थित जनसमूह ने करतल ध्वनि कर कलाकारों की हौसला अफजाई की। उत्सव के दूसरे दिन रविवार को देश के विभिन्न इलाकों से आए कलाकार प्रस्तुतियां देंगे वहीं जसनाथी सम्प्रदाय के अनुयायी अग्निनृत्य का प्रदर्शन करेंगे।

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