बीकानेर बंद: कचहरी सहित शहर में रहा तनाव, अप्रिय अनुभव

बीकानेर 2/4/18। अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित संगठनों के बंद के कारण दो अप्रैल, सोमवार शहरवासियों के लिए अप्रिय घटनाओं वाला रहा। कचहरी, नत्थूसर गेट, बड़ा बाजार, कोटगेट सहित कुछैक स्थानों पर बंद विरोधी और समर्थकों की तनातनी से रोषभरा माहौल आक्रोश में बदल गया। यूं तो सुबह से लेकर करीब 10 बजे तक यह बंद भी और बंद दिनों की तरह रहा किंतु बाजारों में ज्यों ज्यों दुकानों के खुलने का समय होता गया बंद करवाने वाले अधिकांश लोग लाठियों से लैस घूमने लगे। ऐसा बीकानेर में पहले कभी नहीं देखा-सुना गया था किंतु यह अनुभव अप्रिय रहा। कुछैक जगह पर हुई झड़प की सूचनाएं सोशल मीडिया पर तेजी से संप्रेषित होने लगी और यह आरोप भी सामने आने लगे कि जोर जबरदस्ती से प्रतिष्ठान बंद करवाए जा रहे हैं जो असहनीय है। ऐसे माहौल में कोटगेट पर बंद समर्थकों की भीड़ बढ़ने लगी और वहां मौजूद बंद विरोधियों ने अपना प्रदर्शन स्थल तुरत फुरत बदल कर बड़ा बाजार पहुंचे और वहां बंद को समर्थन देने के आरोप में केंद्रीय मंत्री का पुतला दहन किया। इसी बीच कुछ बंद समर्थक अवांछित नारेबाजी करते हुए शहर के अंदरूनी हिस्सों में घूमे जिसका निवासियों ने विरोध किया। इधर, कचहरी परिसर पहुंचे बंद समर्थकों की झड़प पुलिस और वकीलों से हुई जिसमेें वकीलों पंकज जोशी, राजकिशोर पणिया, बार रूम कार्मिक गोपाल पुरोहित के गंभीर चोटें आईं जिन्हें ट्रोमा सेंटर भेजा गया। प्रदर्शनकारी सीमा लांघते हुए ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट नंबर तीन में जबरन दाखिल होकर उत्पात करने लगे। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए बल प्रयोग करते हुए अश्रुु्रगैस के गोले छोड़ व हवा में रबर की गोलियां चलाई की। पत्थरबाजी होने लगी। ऐसा अप्रिय अनुभव भी बीकानेर वासियों के लिए पहली बार इस बंद में हुआ जिसे आपसी सौहार्द्र की मिसाल रहा यह शहर कभी भूल नहीं सकेगा। स्थिति और अधिक बिगड़े उससे पहले जिला कलेक्टर अनिल गुप्ता एवं पुलिस अधीक्षक सवाईसिंह गोदारा बाहर कचहरी परिसर आ पहुंचे। उधर, वकीलों ने प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल घोषित कर दी। जबकि जूनागढ़ के सामने डिस्पेंसरी के पास उत्पातियों ने बाइक को आग के हवाले कर दिया। इसी बीच जिला प्रशासन ने दो अप्रैल 18 को दोपहर ढाई बजे से तीन अप्रैल शाम पांच बजे तक के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद करने तथा धारा 144 लागू करने के आदेश जारी किए ।

अदालत संज्ञान ले, जिम्मेदारी तय कर की जाए कार्रवाई –
बंद के दौरान शांतिप्रिय शहर के रूप में देशभर में प्रख्यात बीकानेर में हुई अप्रिय घटनाओं को लेकर हम प्रदर्शनकारियों की भर्त्सना करते हुए जिला प्रशासन एवं सरकार से बंद का आह्वान करने वाले संगठनों, दलों, संस्थाओं, व्यक्तियों की जिम्मेदारी तय कर कड़ी कार्रवाई एवं उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर मुकदमें चलाने की मांग करते हैं। बल्कि ऐसा हो कि अदालत/मजिस्ट्रेट समाचार पत्रों की खबरों, बंद का ज्ञापन जिला प्रशासन को देने वालों एवं प्रदर्शन के दौरान पहचाने गए बंद के समर्थकों के विरुद्ध संज्ञान लेते हुए मुकदमे दर्ज करें ताकि बंद को फिर कोई संगठन, दल, संस्था या व्यक्ति हंसी-खेल न समझे। ऐसा केवल अभी नहीं बल्कि हमेशा के लिए देशभर में नियम-कानून बनाकर किया जाए।

– मोहन थानवी

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