बलात्कार के मामले में दोषी करार आसाराम को उम्रकैद

आसाराम को एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में दोषी करार देते हुए अदालत ने बुधवार को उसे उम्रकैद की सजा सुनायी। यौन उत्पीड़न, मुख्य तौर पर नाबालिग से बलात्कार करने के बिंदुओं पर जिरह के बाद विशेष न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर सेंट्रल जेल परिसर में अपना फैसला सुनाया। 77 वर्षीय आसाराम यहां चार साल से अधिक समय से बंद हैं। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति मामलों की विशेष अदालत ने दो अन्य आरोपियों शिल्पी और शरद को भी दोषी करार दिया और अन्य दो प्रकाश और शिव को रिहा कर दिया। आसाराम और शिव, शिल्पी, शरद और प्रकाश के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम और भादंवि की विभिन्न धाराओं के तहत छह नवंबर 2013 को पुलिस ने आरोपपत्र दायर किया था। पीड़िता ने आसाराम पर उसे जोधपुर के नजदीक मनाई इलाके में आश्रम में बुलाने और 15 अगस्त 2013 की रात उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया था। आसाराम पर गुजरात के सूरत में भी बलात्कार का एक मामला चल रहा है जिसमें उच्चतम न्यायालय ने अभियोजन पक्ष को पांच सप्ताह के भीतर सुनवायी पूरी करने का निर्देश दिया था। आसाराम ने 12 बार जमानत याचिका दायर की, जिसे छह बार निचली अदालत ने, तीन बार राजस्थान उच्च न्यायालय और तीन बार उच्चतम न्यायालय ने खारिज किया।

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