नवसाक्षर साहित्यमाला लेखन कार्यशाला में तैयार ‘मजदूरी की पोटलीÓ का लोकार्पण

नवसाक्षरों के लिए ‘मजदूरी की पोटलीÓ सरीखा उपयोगी साहित्य उपलब्ध कराने के लिए समिति को साधुवाद : श्यामसिंह राजपुरोहित
बीकानेर। ” बीकानेर जिले में गत 5 दशकों से निरक्षरता उन्मूलन की राह में बीकानेर प्रौढ़ शिक्षण समिति द्वारा विभिन्न परियोजनाओं एवं गतिविधियों के माध्यम से साक्षरता चेतना का कार्य और नवसाक्षरों के सर्वांगीण विकास के लिए उपयोगी साहित्य सृजन किया जाता रहा है। इस प्रकार के महत्ती कार्यों की शृंखला की अगली कड़ी के रूप में ही बीकानेर प्रौढ़ शिक्षण समिति और राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एन.बी.टी) के सह-प्रयासों से लेखक राजेन्द्र जोशी द्वारा लिखित ‘मजदूरी की पोटलीÓ पुस्तक नवसाक्षरों के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकेगी। समिति को इस प्रकार के कार्यों के लिए साधुवाद ! ÓÓ ये उद्बोधन समारोह के मुख्य अतिथि श्यामसिंह राजपुरोहित, निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा, बीकानेर ने बीकानेर प्रौढ़ शिक्षण समिति द्वारा राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एन.बी.टी) के सह-प्रयासों से तैयार श्री राजेन्द्र जोशी द्वारा लिखित पुस्तक ‘मजदूरी की पोटलीÓ के लोकार्पण समारोह में स्थानीय प्रौढ़ शिक्षा भवन सभागार में व्यक्त किए। इसी क्रम में राजपुरोहित ने कहा कि साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं सार्थक गतिविधियों के निरंतर आयोजन के लिए यह बीकानेर शहर और यहां के प्रबुद्धजन निरंतर सक्रिय रहते हैं। इससे हम यह सुखद आशा कर सकते हैं कि इस शहर में साहित्यिक एवं सांस्कृति सृजन में कभी शून्यता नहीं आएगी। लोकार्पण समारोह के अध्यक्षीय उद्बोधन में वरिष्ठ लोककला मर्मज्ञ एवं बीकानेर प्रौढ़ शिक्षण समिति के अध्यक्ष डॉ.श्रीलाल मोहता ने कहा कि नवसाक्षरों के मानस पटल को ध्यान में रखते हुए उनकी जिज्ञासाओं के अनुरूप विषय-वस्तु का चयन करना और सहज व सरल भाषा के साथ उसकी सटीक अभिव्यक्ति करना किसी भी रचनाकार के लिए बहुत जटिल कार्य होता है। डॉ. मोहता ने पुस्तक निर्माण की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए बताया कि संस्था द्वारा राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के सह-आयोजन में राष्ट्रीय पुस्तक सप्ताह के तहत 15-16 नवम्बर, 2014 को समिति सभागार में नवसाक्षर साहित्यमाला लेखन कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें बीकानेर संभाग के विभिन्न क्षेत्रों से आए 17 वरिष्ठ एवं युवा साहित्यकारों, पत्रकारों, शिक्षकों एवं समाजसेवियों ने नवसाक्षरों के लिए सरल, सहज एवं रोचक भाषा में विभिन्न प्रासंगिक एवं उपयोगी रचनाएं तैयार की गई। हर्ष की बात है कि इसी कार्यशाला में राजेन्द्र जोशी द्वारा लिखित ‘मजदूरी की पोटलीÓ भी तैयार हुई और आज यह पुस्तक प्रकाशित होकर हम सबके सामने है। इसके लिए लेखक बहुत बधाई। कार्यशाला में तैयार अन्य लेखकों की पुस्तकों का भी राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की ओर से चयन किया गया है और वे भी प्रकाशनाधीन हैं। लोकार्पण समारोह के प्रारंभ में बीकानेर प्रौढ़ शिक्षण समिति के मानद सचिव डॉ. ओम कुवेरा ने कहा कि आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा कि नवसाक्षरों के लिए इस प्रकार के साहित्यिक कार्य निश्चित ही उपयोगी सिद्ध होते हैं। इस अवसर पर ‘मजदूरी की पोटलीÓ पुस्तक के लेखक राजेन्द्र जोशी ने अपनी बात में कहा कि जीवन भर साक्षरता के क्षेत्र में कार्य करते हुए नवसाक्षरों के लिए तैयार यह पुस्तक मेरे लिए सौभाग्य की बात है एवं नवसाक्षरों की मानसिकता को समझकर ही रचना का निर्माण किय गया है। बीकानेर प्रौढ़ शिक्षण समिति की ओर से जन शिक्षण संस्थान के उपाध्यक्ष अविनाश भार्गव द्वारा आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया गया।
ये रहे साक्षी :
समारोह में मधु आचार्य, बुलाकी शर्मा, मुकेश व्यास, हीरालाल हर्ष, चन्द्रशेखर जोशी, जन्मेयजय व्यास, सुभाष जोशी, किशन कुमार आजाद, डॉ. रेणुका व्यास, विजय खत्री, डॉ.प्रमोद चमोली, राजाराम स्वर्णकार, भवानी सोलंकी, नगेन्द्र किराड़ू, कमल रंगा, सुभाष जोशी, मांगीलाल भद्रवाल, विष्णु शर्मा सहित विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य महानुभावों की उपस्थिति रही।

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