एक भी बच्चा डायरिया से ना मरे: डॉ. एन. के. गुप्ता

जिला कलेक्टर ने किया गहन दस्त नियंत्रण पखवाड़े का शुभारम्भ
बीकानेर। 5 साल तक के बच्चों की दस्त से मृत्यु रोकने और कुपोषण से बचाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने गहन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा शुरू किया है। सोमवार को पखवाड़े का जिला स्तरीय शुभारम्भ जिला कलेक्टर डॉ. एन. के. गुप्ता ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक के दौरान बच्चों को ओआरएस घोल पिलाकर किया। इस दौरान हाथ धोने की 6 चरणों की सही विधि और एक पैकेट ओआरएस से 1 लीटर घोल बनाने की आसान विधि का प्रदर्शन किया गया। जन जागरण के लिए निर्मित पोस्टर, बैनर व आशा फोल्डर का विमोचन भी किया गया। जिला कलेक्टर ने सभी चिकित्साधिकारियों व स्वास्थ्यकर्मियों से अपील करते हुए कहा कि दस्त जैसी छोटी बीमारी से बीकानेर में एक भी नौनिहाल की मृत्यु ना हो इसके लिए गाँव-शहर तक ओआरएस व जिंक की सुपर जोड़ी का प्रचार-प्रसार करें और जरूरतमंदों को उपलब्ध कराएं।
सीएमएचओ डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने बताया कि पखवाड़े के दौरान 9 जून तक आशा सहयोगिनियाँ प्रतिदिन 5 वर्ष आयु तक के बच्चों वाले घरों में जाकर ओआरएस का पैकेट बांटेगी व किसी के दस्त से ग्रसित पाए जाने पर जिंक टेबलेट की 14 दिन की खुराक देकर डायरिया, कुपोषण, स्तनपान व हाथों की स्वच्छता जैसे सामान्य दिखने वाले परन्तु गंभीर विषयों पर सूचना-संचार करेगी। आरसीएचओ डॉ. रमेश गुप्ता ने बताया कि सभी चिकित्सा संस्थानों-अस्पतालों पर ओआरएस व जिंक कार्नर स्थापित किए गए हैं जहां हाथ धोने की विधि व ओआरएस का 1 लीटर का घोल बनाने की विधि का प्रदर्शन किया गया। न्याय आपके द्वार शिविरों के दौरान भी ओआरएस एंड जिंक कार्नर बनाकर जनजागरण किया गया। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के जिला व खण्ड स्तरीय अधिकारी व चिकित्सालयों के प्रभारी उपस्थित उपस्थित रहे।

क्या है डायरिया ? कैसे करें इसका प्रबंधन ?
डॉ. रमेश गुप्ता ने जानकारी दी कि यदि बच्चे को एक दिन में 3 या अधिक पतले दस्त लगते हैं तो उसे डायरिया माना जाएगा और उसे प्रत्येक दस्त के बाद ओआरएस का घोल दिया जाएगा जब तक कि दस्त बंद न हो जाए। 1 लीटर साफ पानी में ओआरएस का एक पूरा पैकेट डालकर घोल बनाया जाता है और उसे 24 घंटे के अन्दर उपयोग करना होता है 2 माह से छोटे बच्चे को 5 चम्मच घोल, 2 माह से 2 साल तक के बच्चे को चैथाई से आधा कप व 2 से 5 साल तक के बच्चे को आधा से एक कप घोल प्रत्येक दस्त के बाद दिया जाना चाहिए। इसी प्रकार 2 से 6 माह तक के बच्चे को आधी गोली जिंक की व 6 माह से 5 साल तक के बच्चे को एक गोली जिंक की प्रतिदिन 14 दिन तक देने से डायरिया बच्चे से दूर ही रहता है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
बीकानेर

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