“निरामया” कार्यक्रम में 223 मेडिकल स्टूडेंट्स ने 37 गाँवों में जगाई स्वास्थ्य की अलख

स्वच्छ-स्वस्थ वातावरण की पहली थीम पर ग्रामीणों को किया जागरूक
घर-घर सर्वे कर जुटाए स्वास्थ्य समंक
आंध्रा के सफल मॉडल स्वास्थ्य विद्या वाहिनी से प्रेरित “निरामया”

बीकानेर। स्वस्थ गाँव होगा तो स्वस्थ राजस्थान होगा, इस मूलमंत्र पर आधारित “निरामया” कार्यक्रम का पहला अभियान बुधवार को चलाया गया। जिले के भावी डॉक्टरों ने गाँवों में जाकर स्वास्थ्य व स्वच्छता जनजागरण की अलख जगाई। ग्रामीणों को स्वास्थ्य, स्वच्छता, सेनीटेशन एंड हाईजीन व स्वस्थ जीवन शैली से जोड़ने का प्रयास किया गया और साथ ही सही पोषण व रोगों से बचाव के उपाय भी बताए गए। सीएमएचओ डॉ. बी.एल. मीणा ने बताया कि “निरामया” कार्यक्रम में बीकानेर व प्रदेश के अन्य 6 जिलों, अजमेर, जयपुर, कोटा, झालावाड, जोधपुर एवं उदयपुर के चिन्ह्ति गांवों में राजकीय एवं निजी मेडीकल कालेजों के विद्यार्थियों द्वारा आमजन को प्रिवेन्टिव हैल्थ केयर एंड हैल्दी लिविंग स्टाईल के बारे में जानकारियां दी जा रही हैं। “निरामया” कार्यक्रम आंध्र प्रदेश के अत्यंत सफल 2017 में लागू “स्वास्थ्य विद्या वाहिनी” से प्रेरित है। प्रथम चरण में अब 24 अक्टूबर, 31 अक्टूबर, 14 नवम्बर एवं 28 नवम्बर को फिर अभियान चलाया जायेगा। दो चरणों में आयोजित होने वाले इस निरामया कार्यक्रम में जागरूकता की कुल दस थीम रहेंगी। जिला आई.ई.सी. समन्वयक मालकोश आचार्य ने बताया कि मेडिकोज द्वारा जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं जीवन वाहिनी 104 अथवा 108 एम्बूलेन्स सेवा इत्यादि जनकल्याणकारी स्वास्थ्य योजनाओं के बारे में भी गांव-ढाणियों के निवासियों को जानकारी दी गई।

मेडिकल चैराहे से चली महारैली
आरसीएचओ डॉ. रमेश गुप्ता ने बताया कि प्राचार्य डॉ. आर.पी. अग्रवाल के निर्देशन में सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के 223 विद्यार्थी, 37 मेंटर, 112 टीमों में विभक्त होकर प्रातः 9 बजे 37 वाहनों के माध्यम से जिले के चयनित 37 गाँवों के लिए महारैली के रूप में रवाना हुए। इस अवसर पर अभियान के नोडल डॉ. अभिषेक क्वात्रा, डॉ. कीर्ति शेखावत व डॉ. लोकेश कुमार ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। गाँवों में पहुंचकर आंगनवाड़ी अथवा अन्य तय स्थान पर ग्रामीणों को इकठ्ठा कर स्वास्थ्य शिक्षा दी गई। प्रत्येक गाँव के 25 घरों का सर्वे कर महत्वपूर्ण सूचनाएं जुटाई गई। क्षेत्र के चिकित्साधिकारियों, आशा सुपरवाईजर, एएनएम, आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने सक्रिय योगदान दिया।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
बीकानेर

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